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Mustard oil Price: र‍िकार्ड स्‍तर पर पहुंचा सरसों तेल का मूल्‍य, एक सप्ताह में इतना बढ़ गया भाव

Mustard oil Price सभी कंपनियों के तेल के भाव में पांच से आठ रुपये की तेजी आई है। थोक मंडी में सरसों का तेल 178 से 185 तो फुटकर में 190 से 198 रुपये लीटर तक बिका। जबकि मिलों पर सरसों का तेल 225 रुपये किलो बेचा जा रहा है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 09:02 AM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 08:26 AM (IST)
Mustard oil Price: र‍िकार्ड स्‍तर पर पहुंचा सरसों तेल का मूल्‍य, एक सप्ताह में इतना बढ़ गया भाव
सरसों तेल का मूल्‍य र‍िकार्ड स्‍तर पर पहुंच गया है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Mustard oil Price: सरसों के तेल की कीमतें आम लोगों की पहुंच से दूर होती जा रही है। एक सप्ताह के भीतर सभी कंपनियों के तेल के भाव में पांच से आठ रुपये की तेजी आई है। गुरुवार को थोक मंडी में सरसों का तेल 178 से 185 तो फुटकर में 190 से 198 रुपये लीटर तक बिका। जबकि मिलों पर सरसों का तेल 225 रुपये किलो बेचा जा रहा है। चीनी और सोयाबीन के दामों में भी उछाल आया है। चीनी में चार तो सोयाबीन में 15 रुपये किलो की बढ़ोतरी हुई है। थोक कारोबारियों के मुताबिक वायदा कारोबार पर अंकुश न लगने के कारण सरसों के तेल की कीमतें कम नहीं हो रही हैं। हाल के द‍िनों में सरसों तेल की कीमतों में कई बार बढ़ोत्‍तरी हुई है।

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सरसों तेल, रिफाइंड व पाम आयल की कीमतें जनवरी से लगातार बढ़ रही हैं

खाद्य तेलों की बढ़ती हुई कीमतों लोगों के रसोई का बजट गड़बड़ा रहा है। सरसों का तेल हो या रिफाइंड व पाम आयल उसकी कीमतें जनवरी से लगातार बढ़ती रही। बीच-बीच में दाम में कुछ गिरावट आई थी, लेकिन सरसों का तेल एक बार फिर अपने उच्चतम कीमत पर पहुंच गया है। जून अंतिम सप्ताह में सरसों और रिफाइंड दोनों में 20 से 26 रुपये प्रति लीटर तक की कमी आई थी। कुछ दिन बाद ही दाम में तेजी आनी शुरू हो गई।

इस कारण बढ़ रहा है भाव

गोरखपुर के सिधारीपुर के किराना कारोबारी मोहम्मद जावेद ने बताया कि सरसों के तेल में अन्य खाद्य तेलों के मिश्रण पर रोक की वजह से कीमतें लगातर बढ़ रही हैं। पिछले वर्ष मार्च के मुकाबले तेल की कीमत दोगुनी हो चुकी है। दाम बढ़ने का असर बिक्री पर पड़ रहा है। मध्यम वर्ग के लोग रिफाइंड और सरसों का तेल छोड़ पाम आयल खरीद रहे हैं।

इनका भाव भी बढ़ा

जाफरा बाजार के किराना दुकानदार शंभू गुप्ता का कहना है कि ग्राहकों को लगता है कि दुकानदार ही अपनी मर्जी से दाम बढ़ा रहे हैं, जबकि कीमत बढ़ने से दुकानदारों का मुनाफा कम हो जाता है। ग्राहकों को संतुष्ट करने के लिए कई बार तेल खरीद का बिल भी दिखाना पड़ता है। थोक कारोबारी रंजीत कुमार ने बताया कि िसर्फ खाद्य तेल ही नहीं, बल्कि चीनी, नमक, दाल, वनस्पति घी, देसी घी के दामों में भी उछाल आया है।


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