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सरसों तेल के मूल्‍य में भारी ग‍िरावट, प्रत‍ि लीटर इतना कम हो गया भाव- यह है कारण

Mustard oil price अक्टूबर-नवंबर में जो सरसों का तेल 185 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा था। इस इस समय वह घटकर 163 से 168 रुपये प्रति लीटर हो गया है। सोयाबीन का तेल 140 रुपये प्रति से घटकर 132 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 14 Jan 2022 06:30 AM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 11:14 AM (IST)
सरसों तेल के मूल्‍य में भारी ग‍िरावट, प्रत‍ि लीटर इतना कम हो गया भाव- यह है कारण
सरसों तेल के मूल्‍य में भारी ग‍िरावट आई है। - प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

गोरखपुर, जागरण संवाददाता। Mustard oil price: खाद्य तेलों के भाव में कमी होने से लोगों ने राहत की सांस ली है। दो से तीन माह पूर्व जो सरसों व सोयाबीन के तेल आसमान छू रहे थे। आज उनमें 17 से 22 रुपये तक की कमी आ गई है। इसकी वजह आयातित खाद्य तेलों के कर शून्य किए जाने के साथ-साथ सरकार द्वारा वायदा कारोबार पर रोक लगाने का आदेश जारी करना भी है। कारोबारियों का कहना है कि आगे और भी तेल के दामों में और कमी देखने को मिल सकती है। जिससे लोगों की जेब दबाव कम होगा।

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इतना कम हो गया सरसों तेल का मूल्‍य

बीते एक महीने में अगर तेल के दामों पर नजर डालें तो अक्टूबर-नवंबर में जो सरसों का तेल 185 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा था। इस इस समय वह घटकर 163 से 168 रुपये प्रति लीटर हो गया है। इसी प्रकार सोयाबीन का तेल नवंबर में 140 रुपये प्रति लीटर था वह इस समय घटकर 130 से 132 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

सोयाबीन तेल की कीमत में भी ग‍िरावट

बाजार के जानकारों के मुताबिक खरीफ की मुख्य फसल सोयाबीन का उत्पादन कम होने से सितंबर से ही भाव में तेजी शुरू हो गई थी। इससे सोयाबीन तेल के भाव सितंबर में 90 रुपये से बढ़कर जनवरी तक 140 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गए थे। तेल के भाव में चार महीने में 45 रुपये प्रति लीटर की रिकार्ड तेजी से आम आदमी के घर का बजट बिगड़ रहा था। लेकिन अब इसमें गिरावट शुरू हो गई है। इससे लोगों को आठ से दस रुपये तक बचत होने लगी है।

सरसों की पैदावार पिछले वर्ष की तुलना इस साल अच्छी हुई है। निश्चित रूप से आने वाले दिनों तेलों के दामों में और कमी आएगी। राशन में खाद्य तेल के वितरण से भी सरसों तेल की मांग घटती है। यह भी दाम में गिरावट की एक वजह है। पिछले एक माह में तेल के भाव में अधिक कमी आइ है। - संजय सिंघानिया, अध्यक्ष, चेंबर आफ कामर्स

सरकार के प्रयास से तेलों के दामों में कमी आई है। अभी आगे भाव में और भी कमी होने की उम्मीद है। जिससे लोगों को राहत मिलेगी और उनके किचन का बजट भी उनके नियंत्रण में रहेगा। - मनोज त्रिपाठी, तेल के थोक कारोबारी।


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