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पर्यटक स्थली बनेगा 300 साल पुराना मंदिर, यह है मंदिर का इतिहास

300 साल पुराने शिव मंदिर का इतिहास भी दिलचस्प है। यह मंदिर तत्कालीन राजा जालिम सिंह द्वारा बनवाया गया था। अब इसका विकास होगा।

By JagranEdited By: Published: Sat, 12 Jan 2019 04:02 PM (IST)Updated: Sat, 12 Jan 2019 04:02 PM (IST)
पर्यटक स्थली बनेगा 300 साल पुराना मंदिर, यह है मंदिर का इतिहास
पर्यटक स्थली बनेगा 300 साल पुराना मंदिर, यह है मंदिर का इतिहास

गोरखपुर, जेएनएन। बस्ती जनपद के विक्रमजोत विकास खंड के रानी गांव में स्थित 300 साल पुराने शिव मंदिर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए 90 लाख 48 हजार रुपये की परियोजना को मंजूरी मिल गई है। वहीं प्रथम किस्त के रूप में 45 लाख 24 हजार रुपये की वित्तीय स्वीकृति भी प्रदान कर दी गई है।

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विक्रमजोत विकास खंड के रानीगांव में मनोरमा नदी तट पर स्थित प्राचीन शिव मंदिर को शासन ने पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। इसके लिए चयनित कार्यदायी संस्था के रूप में उत्तर प्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) का चयन किया गया है।

रानीपुर शिव मंदिर का इतिहास

रानीपुर शिव मंदिर का क्षेत्र में विशेष महत्व है। स्थानीय लोगों के अनुसार यहां शिव¨लग की उत्पत्ति अपने आप हुई थी। जब यह बात क्षेत्र के तत्कालीन राजा जालिम ¨सह को पता चली तो उन्होंने इस शिव¨लग को वहां से निकाल कर अपने राजमहल के पास स्थापित कराने के लिए मजदूरों को भेजा। मजदूर पहुंचे और उन्होंने कुदाल चलाना शुरू कर दिया। शिवलिंग के चारो तरफ खोदाई के बाद वह शिचलिंग के आधार पर कुदाल चलाने लगे। जैसे ही शिव¨लग को खोदकर निकालने के लिए प्रहार किया तो कुछ आश्चर्यजनक घटना हो गई। मजदूरों ने इसकी सूचना राजा जालिम सिंह को दी। इससे राजा घबरा गए। कुछ विचार करने के बाद उन्होंने शिव¨लग को वहीं स्थापित कर एक मंदिर का निर्माण कराया। बताते हैं कि इससे राजा जालिम सिंह की दिनचर्या में परिवर्तन आ गया और प्रजा में उनकी अच्छी छवि बन बन गई।

कालांतर में यह मंदिर जब जर्जर हो गया तो ग्रामीणों ने आपसी सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। मंदिर में नियमित पूजा-पाठ होती है। श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। शिवरात्रि के समय यहां मेला लगता है और श्रद्धालुओं की मनौती पूरी होती है।


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