जिला अस्पताल से आउटसोर्सिंग के सात कर्मचारियों को निकालने की तैयारी
अगस्त में शासन से निर्देश आया था कि चतुर्थ श्रेणी के समकक्ष पद खाली पड़े हों वहां जेम पोर्टल के माध्यम से कर्मियों को आउटसोर्सिंग पर तैनात किया जा सकता है। तत्कालीन एसआइसी ने निर्देश पर अमल करते हुए छह वार्ड ब्वाय और एक वार्ड आया की तैनाती कर दी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। जिला अस्पताल में एक फर्म के जरिये आउटसोर्सिंग पर तैनात छह वार्ड ब्वाय समेत सात कर्मचारियों को निकालने की तैयारी शुरू हो गई। डीजी हेल्थ द्वारा इनकी तैनाती की वित्तीय स्वीकृति की जानकारी मांगने के बाद जिला अस्पताल में हड़कंप मच गया। बिना वित्तीय स्वीकृति के इन कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया था। सभी सात कर्मचारियों को काम करने से रोक दिया गया है।
चतुर्थ श्रेणी के समकक्ष पदों पर भर्ती के लिए शासन ने दिया था निर्देश
अगस्त 2021 में शासन से निर्देश आया था कि जहां पर चतुर्थ श्रेणी के समकक्ष पद खाली पड़े हों, वहां जेम पोर्टल के माध्यम से कर्मियों को आउटसोर्सिंग पर तैनात किया जा सकता है। तत्कालीन प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक (एसआइसी) ने निर्देश पर अमल करते हुए छह वार्ड ब्वाय और एक वार्ड आया की तैनाती कर दी। इन कर्मचारियों से चार महीने से अधिक दिन तक कार्य कराया गया है। दो महीने का मानदेय सेवा प्रदाता फर्म ने भुगतान भी कर दिया है। इन कर्मचारियों के नवंबर और दिसंबर के मानदेय के भुगतान के लिए बिल शासन में भेजा गया था।
डीजी हेल्थ ने मांगी थी कर्मचारियो की तैनाती की वित्तीय स्वीकृत की जानकारी
डीजी कार्यालय से एसआइसी को पत्र भेजकर सातों कर्मचारियों की तैनाती की वित्तीय स्वीकृति की जानकारी मांगी गई है। कार्यवाहक एसआइसी डा.जेएसपी सिंह ने जांच कराई तो पता चला इन कर्मचारियों की तैनाती के पूर्व वित्तीय स्वीकृति नहीं ली गई है। उससे संबंधित कागजात जिला अस्पताल में नहीं हैं। प्रथमदृष्टया यह वित्तीय अनियमितता का मामला लगने पर उन्होंने सेवा प्रदाता फर्म को पत्र लिखकर सातों कर्मचारियों की सेवा पर रोक लगा दी है।
कर्मचारियों को काम से रोका गया
एसआइसी ने कहा कि पूरे मामले की जानकारी डीजी हेल्थ को दे दी गई है। जैसा निर्देश आएगा, उसका पालन किया जाएगा। तब तक सभी सात कर्मचारियों से कोई कार्य नहीं लिया जाएगा। यदि कोई नई तैनाती की जाएगी तो उसके पूर्व शासन से अनुमति व वित्तीय स्वीकृति ली जाएगी।