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कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान को लेकर कवायद तेज

कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करने की तैयारी शुरू हो गई है। इसके लिए प्रधानमंत्री नवंबर में कुशीनगर आ सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 09:29 AM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 09:29 AM (IST)
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान को लेकर कवायद तेज
कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान को लेकर कवायद तेज

गोरखपुर : कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करने की कवायद शुरू हो गई है। नवंबर अंत में कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से उड़ान शुरू करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ सकते हैं। पीएमओ से इसका संकेत मिलते ही जिला प्रशासन हरकत में आ गया है।

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डीएम डॉ. अनिल कुमार ¨सह, एसपी एके पांडेय और विधायक रजनीकांत मणि त्रिपाठी ने एयरपोर्ट का निरीक्षण किया। संबंधित अधिकारियों को अधूरे कार्यों को शीघ्र पूरा करने का निर्देश दिया। जिला प्रशासन एयरपोर्ट की अद्यतन स्थिति की रिपोर्ट पीएमओ को भेजने में भी जुट गया है। डीएम ने एटीसी व फायर बि¨ल्डग के निर्माण कार्य की गति धीमी देख नाराजगी जताई और कार्यदायी संस्था को शीघ्र कार्य पूर्ण करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां से उड़ान का शुभारंभ करने आ सकते हैं। इसकी तैयारियां चल रही हैं। विधायक व अधिकारियों ने बैठक में एक घंटे तक विचार-विमर्श भी किया। उड़ान के लिए एटीसी बि¨ल्डग के तैयार नहीं होने की दशा में यहां पूर्व से मौजूद पुराने भवन को अपग्रेड कर सेवा शुरू कराने का निर्णय लिया गया। डीएम ने चहारदीवारी के निर्माण कार्य व राजस्व से जुड़े अन्य मामलों की जानकारी लेखपालों से प्राप्त की। पें¨डग मामलों को शीघ्र निपटाने का निर्देश दिया। इस अवसर पर एसडीएम प्रमोद कुमार तिवारी, तहसीलदार एसपी विश्वकर्मा, एसओ शैलेश कुमार ¨सह, लेखपाल ब्रजेश मणि त्रिपाठी, हरिशंकर ¨सह आदि उपस्थित रहे। छह तल के एटीएस भवन बनने में लगेगा छह माह

निर्माणाधीन कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर एटीएस बि¨ल्डग के बनने में अगर सबकुछ ठीक रहा तो अब से कम से कम छह माह का समय लग सकता है। जमीन से 32 फीट की ऊंचाई तक बनने वाले इस भवन में छह तल बनाए जाएंगे। निर्माण कंपनी के इं. विमल कुमार का कहना है कि एक तल और उसके छत के निर्माण में 28 दिन का समय लगता है। इस हिसाब से अगर निरंतर निर्माण हो तो कम से कम छह माह समय लगेगा। निर्माण कार्य में धन की कमी आड़े आ रही है। सरकार से फंड की मांग की गई है। अब तक नहीं मिल पाने के कारण जहां निर्माण कार्य में अवरोध आ गया है वहीं बरसात का मौसम भी बाधा डाल रहा है।


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