कोरोना जांच का निर्धारित शुल्क से अधिक लेने पर कार्रवाई की तैयारी, टीमें गठित Gorakhpur News
निजी पैथालॉजी केंद्रों पर कोरोना वायरस की जांच के लिए निर्धारित दर से ज्यादा पैसे लेने पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। इसके लिए टीम गठित कर दी गई है।
गोरखपुर, जेएनएन। कोरोना जांच के लिए अधिकृत निजी पैथालॉजी केंद्रों पर जांच के लिए निर्धारित दर से ज्यादा पैसे लेने पर कार्रवाई की तैयारी चल रही है। इसके लिए टीम गठित कर दी गई है। शिकायत पर तो कार्रवाई होगी ही, टीम स्वयं निरीक्षण कर इसका पता लगाएगी। कोई भी अधिकृत निजी पैथालॉजी रीयल टाइम पॉलीमर चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) जांच के लिए 1600 रुपये से अधिक नहीं ले सकती। ट्रूनेट जांच दो चरणों में होती है। पहले चरण के लिए अधिकतम 2000 रुपये, दूसरे चरण (कंफर्मेट्री टेस्ट) के लिए 1600 रुपये से ज्यादा नहीं लिया जा सकता।
मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने कहा है कि कोरोना जांच के लिए अधिकृत निजी पैथालॉजी केंद्रों पर जांच के लिए किसी को निर्धारित दर से ज्यादा पैसे देने की आवश्यकता नहीं है। यदि केंद्र निर्धारित दर से ज्यादा की मांग कर रहे हैं तो शिकायत मिलने पर जांच करवा कर कार्रवाई की जाएगी। कोरोना जांच के लिए एंटीजन, आरटीपीसीआर और ट्रूनेट जांच पद्धति ही विश्वसनीय हैं।
नर्सिंग होमों पर रहेगी नजर
पंजीकृत नर्सिंग होमों को संदिग्ध रोगियों की तत्काल जांच के लिए एंटीजन किट दी गयी है, ताकि उन्हें यथाशीघ्र चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध हो सके। उन्हें जांच निश्शुल्क करनी है। मरीजों को एंटीजन पॉजिटिव या निगेटिव की रिपोर्ट भी देनी होगी। उन पर भी नजर रखी जा रही है।
अतिरिक्त शुल्क लेने पर दर्ज होगा मुकदमामुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि ऐसी शिकायतें संज्ञान में आयी थीं कि कलेक्शन चार्ज के नाम पर 100 रुपये अतिरिक्त की मांग की जा रही है। फौरन हस्तक्षेप करते हुए इस पर रोक लगाई गयी। मरीज चाहे कोरोना पॉजीटिव निकले या निगेटिव, निर्धारित दरों से ज्यादा लेना कानूनन अपराध होगा। ऐसी शिकायत की पुष्टि होने पर संबंधित के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत करवाया जाएगा। अगर किसी से जांच के नाम पर ज्यादा पैसे लिये जा रहे हैं तो वह इंटीग्रेटेड कोविड कमांड सेंटर के नंबर 0551-2201796, 0551-2202205 और 0551-2204196 पर सूचित कर सकता है।
इस माह 60 हजार से ज्यादा सैंपलिंग
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि एक से 16 सितंबर के बीच इस माह 60 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है। रोजाना 5000 से अधिक लोगों के सैंपल लिये जाने का लक्ष्य है। प्रयास है कि इस माह जनपद में एक लाख से ज्यादा लोगों की जांच की जाए। जितनी अधिक जांच होगी, उतने ही ज्यादा मरीज निकलेंगे और संक्रमण की चेन टूटने में उतनी ही आसानी होगी।