एक भी घर शौचालय विहीन मिला तो गांव के विकास के लिए पैसा नहीं मिलेगा
गोरखपुर के गांवों में बने शोचालयों की फोटो अपलोड करने को कहा गया है। यदि फोटो अपलोड नहीं हुई तो संबंधित गांवों का विकास रोक दिया जाएगा।
गोरखपुर : निर्मित शौचालय की फोटो अपलोड करने में लापरवाही बरतने वाले प्रधान और सचिवों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरू हो गई है। 80 फीसद से कम फोटो अपलोड करने वाली ग्राम पंचायतों के 14वां और राज्य वित्त योजना के सभी कार्यो पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाते हुए सीडीओ ने वर्क आइडी निर्गत न करने का आदेश दिया है। हैंडपंप मरम्मत और रीबोर को इससे मुक्त रखा गया है। उधर, एमआइएस फीडिंग और फोटो अपलोडिंग में ओवर रिपोर्टिग करने वाले तीन दर्जन ग्राम प्रधान और सचिवों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता में शामिल स्वच्छ भारत मिशन के ओडीएफ अभियान के तहत दो अक्टूबर तक जिले को खुले में शौच मुक्त घोषित करना है। इसके लिए सभी ग्राम पंचायतों के समस्त परिवारों में व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण आवश्यक है। अभियान के तहत बड़े पैमाने पर शौचालय का निर्माण कराया भी गया है, लेकिन निर्मित शौचालयों की फोटो अपलोडिंग की स्थिति बेहद दयनीय है। फोटो अपलोड न होने की स्थिति में निर्मित शौचालय गणना और उसके सत्यापन से बाहर हो जा रहे हैं। पिछले दिनों मुख्य सचिव की वीडियो कांफ्रेंसिंग में भी फोटो अपलोडिंग का मुद्दा छाया रहा। मुख्य सचिव ने इस मामले में लापरवाही बरतने पर डीएम, सीडीओ और डीपीआरओ स्तर के अधिकारियों पर भी कार्रवाई का संकेत दिया था।
निर्मित शौचालय की फोटो अपलोडिंग में लापरवाही बरतने वाले विभागीय प्रतिनिधियों और प्रधान पर अधिकारियों ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। मुख्य विकास अधिकारी ने प्रधानों, सचिवों को फोटो अपलोडिंग का काम सर्वोच्च प्राथमिकता पर करने के निर्देश दिए हैं। सीडीओ ने बताया कि 80 फीसद से अधिक फोटो अपलोडिंग का प्रमाण पत्र देने वाले प्रधान-सचिव की ग्राम पंचायत प्रतिबंध से मुक्त रहेगी।
इस संबंध में मुख्य विकास अधिकारी अनुज सिंह ने बताया कि इस कार्य में लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं होगी।