प्राइमरी के स्थायी शिक्षकों के बाद अब शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के प्रमाण पत्रों की जांच की तैयारी Gorakhpur News
सहायक शिक्षकों के बाद अब परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के प्रमाण पत्रों की जांच की तैयारी चल रही है। संदिग्ध व फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर शासन बीच-बीच में कई बार जिला मुख्यालयों से रिपोर्ट तलब कर चुका है।
गोरखपुर, जेएनएन। फर्जी शिक्षकों पर शासन की नकेल कसती जा रही है। सहायक शिक्षकों के बाद अब परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के प्रमाण पत्रों की जांच की तैयारी चल रही है। शासन के निर्देश पर बीएसए ने जिले में चार नोडल अधिकारी नामित किए हैं। जिन्हें अलग-अलग ब्लाकों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच कर डाटा खंड शिक्षाधिकारी नोडल अधिकारियों को उपलब्ध कराएंगे। बाद में यह डाटा गूगल शीट पर मिलने के उपरांत बीएसए इसे शासन स्तर को प्रेषित करेंगे।
संदिग्ध व फर्जी शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर शासन बीच-बीच में कई बार जिला मुख्यालयों से रिपोर्ट तलब कर चुका है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की उदासीनता से शासन को रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है। इसी के मद्देनजर शासन ने एक बार फिर सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से जिलेवार कार्रवाई की रिपोर्ट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है।
किसे किस ब्लाक की मिली है जिम्मेदारी
खंड शिक्षाधिकारी हरिगोविंद सिंह को सहजनवां, सरदारनगर, गगहा, कौड़ीराम, कैंपियरगंज, जिला समन्वयक विवेक जायसवाल को बांसगांव, पिपरौली, पिपराइच, चरगांवा, जंगल कौडिय़ां, जिला समन्वयक दीपक पटेल को भटहट, गोला, बड़हलगंज, ब्रह्मपुर, बेलघाट तथा जिला समन्वयक अमरेंद्र मणि त्रिपाठी को खजनी, उरुवा, खोराबार, नगर क्षेत्र व पाली आदि ब्लाकों की जिम्मेदारी मिली है। जनपद में कुल 2504 स्कूल हैं और इसमें कुल 3300 शिक्षा मित्र और 580 अनुदेशक तैनात हैं। जिला बेसिक शिक्षाधिकारी भूपेंद्र नारायण सिंह का कहना है कि सभी खंड शिक्षाधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे अपने-अपने ब्लाकों के शिक्षामित्रों व अनुदेशकों के प्रमाणपत्रों की जांच कर डाटा शीघ्र तैयार कर उपलब्ध करा दें।
पक्ष रखने उपस्थित नहीं हुए फर्जी शिक्षक
एक साल के अंदर तीन-तीन नोटिस देने के बाद भी सुनवाई में शुक्रवार को उपस्थित नहीं होने वाले छह फर्जी शिक्षकों के खिलाफ बेसिक शिक्षा विभाग बर्खास्तगी की कार्रवाई में जुट गया है। विभाग ने इन शिक्षकों को अंतिम बार नोटिस देते हुए नौ अप्रैल को सुनवाई व उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए बीएसए कार्यालय बुलाया था। लेकिन इनमें से सिर्फ दो शिक्षकों में से एक ने पंजीकृत डाक तथा दूसरे ने कार्यालय में अपना प्रत्यावेदन तो रिसीव कराया दिया, लेकिन उसके साथ कोई ठोस साक्ष्य उपलब्ध नहीं करा पाएं। गत छह माह पूर्व विभाग ने फर्जी अंक पत्र पर नौकरी किए जाने की शिकायत मिलने पर छह शिक्षकों को निलंबित कर संबंधित खंड शिक्षाधिकारियों को जांच सौंप दी थी। इनमें बांसगांव, ब्रह्मपुर, कौड़ीराम, गगहा, पिपराइच व सहजनवां विकास खंड के एक-एक शिक्षक शामिल हैं। जांच के बाद जब इनकी रिपोर्ट आई तो सभी शिक्षकों के प्रमाण पत्र फर्जी निकले। इसके बाद विभाग ने एक-एक कर इन्हें नोटिस भेजना शुरू किया। तीन-तीन नोटिस भेजने के बाद भी जब किसी ने जवाब नहीं दिया तो अंतत: इनके रवैए से परेशान होकर विभाग ने इन शिक्षकों अंतिम नोटिस जारी करते हुए नौ अप्रैल तक कार्यालय में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने का की तिथि निर्धारित की थी।