नारेबाजी के बीच हुई प्री-पीएचडी परीक्षा, 90 प्रतिशत विद्यार्थी हुए शामिल
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय प्री-पीएचडी परीक्षा विद्यार्थियों के धरना-प्रदर्शन के बावजूद 10 जनवरी को सकुशल सम्पन्न हुई। जिला प्रशासन पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन की सख्ती के चलते विद्यार्थी सारे प्रयास के बाद परीक्षा में व्यवधान नहीं डाल सके।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय प्री-पीएचडी परीक्षा विद्यार्थियों के धरना-प्रदर्शन के बावजूद 10 जनवरी को सकुशल सम्पन्न हुई। जिला प्रशासन, पुलिस और विश्वविद्यालय प्रशासन की सख्ती के चलते विद्यार्थी सारे प्रयास के बाद परीक्षा में व्यवधान नहीं डाल सके। विश्वविद्यालय प्रशासन के मुताबिक रविवार को 90 प्रतिशत विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हुए। सात जनवरी को आयोजित परीक्षा में हंगामा करने के दोषी 17 विद्यार्थियों को परीक्षा की अनुमति नहीं मिली। उन्हें विश्वविद्यालय ने पहले ही निष्कासित कर दिया था। उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो चुका है।
कंप्यूटर एप्लीकेशन के द्वितीय प्रश्न पत्र की थी परीक्षा
10 जनवरी को प्री-पीएचडी के द्वितीय प्रश्नपत्र कंप्यूटर एप्लीकेशन की परीक्षा थी। सात जनवरी की कंप्यूटर मैथडोलाजी की परीक्षा में हंगामा कर चुके विद्यार्थी दूसरे प्रश्नपत्र में भी हंगामे के लिए तैयार थे। परीक्षा के लिए निर्धारित समय एक बजे से एक घंटे पहले ही वह विश्वविद्यालय गेट पर पहुंच गए और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए परीक्षा स्थल दीक्षा भवन पहुंचे। इसे देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ-साथ पुलिस और जिला प्रशासन भी सक्रिय हो गया।
पीएजी के जवान रहे तैनात
पीएसी के जवान भी मौके पर बुला लिए गए। परीक्षा का समय नजदीक आया तो एडीएम प्रशासन ने घोषणा की कि जिसे परीक्षा देनी हो वह कक्ष में जाए। परीक्षा शुरू होने के बाद प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। पहले तो बहुत सारे विद्यार्थी परीक्षा बहिष्कार की बात कह रहे थे लेकिन जैसे ही परीक्षा शुरू हुई, उनमें से ज्यादातर कक्ष में प्रवेश कर गए। शेष विद्यार्थी उसके बाद भी नारेबाजी करते रहे तो एडीएम ने चेतावनी देकर उन्हें शांत करा दिया। तीन घंटे की परीक्षा पूरी शांति के साथ सम्पन्न हो गई।
782 छात्र परीक्षा में हुए शामिल
10 जनवरी को कुल 782 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी। कुल पंजीकृत विद्यार्थी 855 थे। इससे उत्साहित कुलपति प्रो.राजेश ङ्क्षसह ने कहा कि विश्वविद्यालय का उद्देश्य पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित करना था, जिसमें सफलता मिल गई। उन्होंने सकुशल परीक्षा कराने वाले अधिकारियों और शिक्षकों को विश्वविद्यालय की ओर से प्रशंसा-पत्र देने की घोषणा कर दी। कुलपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति के तहत क्रेडिट एंड कोर सिस्टम की शुरुआत हो चुकी है। इससे योग्य शोधार्थी और शिक्षक तैयार होंगे। कुछ शिक्षक छात्रों को भड़का कर विश्वविद्यालय के माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे है, यह उचित नहीं है।
15 जनवरी से पहले घोषित होगा परीक्षा परिणाम
परीक्षा नियंत्रक ने बताया कि प्री-पीएचडी परीक्षा का परिणाम 15 जनवरी से पहले घोषित कर दिया जाएगा। पास विद्यार्थियों का पीएचडी में पंजीकरण शुरू हो जाएगा। रिसर्च मैथोडोलाजी की कापियों का मूल्यांकन हर विभाग के तीन शिक्षकों द्वारा किया जाएगा। कंप्यूटर एप्लीकेशन की प्रायोगिक परीक्षा कंप्यूटर साइंस के विभागाध्यक्ष द्वारा कराई जाएगी। ऐसे विद्यार्थी जो सात जनवरी को आयोजित रिसर्च मैथोडोलाजी की परीक्षा में उपस्थित थे, लेकिन हंगामे की वजह से परीक्षा नहीं दे सके या उनकी कापियां छीन ली गईं या फाड़ दी गईं, उनको आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर अंक दिया जाएगा। आंतरिक मूल्यांकन में 15 अंक रिव्यू आफ लिटरेचर, 15 अंक असाइनमेंट और पांच अंक उपस्थिति के दिए जाएंगे।
13 जनवरी तक विवरण परीक्षा नियंत्रक को उपलब्ध करा दें विद्यार्थी
परीक्षा नियंत्रक ने विद्यार्थियों से कहा है कि वह अपने सभी प्रपत्र, रेट स्कोर, साक्षात्कार स्कोर, डीआरसी रिकमेंडेशन, डीन/कुलसचिव नोटिफिकेशन 13 जनवरी तक परीक्षा नियंत्रक कार्यालय में जमा कर दें, जिससे उनका परीक्षा परिणाम निकालने में सुविधा हो। शोध के लिए निर्देशक आवंटित करते समय विद्यार्थियों की प्राथमिकता और शिक्षक की वरीयता को आधार बनाया जाएगा।