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निजीकरण के खिलाफ बारिश में भीगकर बिजली कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन Gorakhpur News

उपखंड अधिकारी जितेंद्र नाथ ने कहा कि प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण बिजली निगम 97 हजार करोड़ के घाटे में चला गया है। वर्ष 2000 में जब विद्युत परिषद को खत्म किया गया तो उस समय भी घाटा का हवाला दिया गया था।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Wed, 23 Sep 2020 09:45 AM (IST)Updated: Wed, 23 Sep 2020 09:45 AM (IST)
निजीकरण के खिलाफ बारिश में भीगकर बिजली कर्मचारियों ने किया प्रदर्शन Gorakhpur News
बारिश में भींगते हुए प्रदर्शन करते बिजली कर्मचारी।

गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ बिजलीकर्मियों ने बारिश में भीगकर धरना दिया। बिजलीकर्मियों ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि सरकार निजीकरण की दिशा में आगे बढ़ी तो इसके परिणाम अ'छे नहीं होंगे। बिजलकर्मी किसी भी हाल में निजीकरण नहीं होने देंगे।

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प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण बिजली निगम 97 हजार करोड़ के घाटे में

उपखंड अधिकारी जितेंद्र नाथ ने कहा कि प्रबंधन की गलत नीतियों के कारण बिजली निगम 97 हजार करोड़ के घाटे में चला गया है। वर्ष 2000 में जब विद्युत परिषद को खत्म किया गया तो उस समय भी घाटा का हवाला दिया गया था। तब घाटा मात्र 65 करोड़ रुपये था। सरकार चाहती तो इस घाटे को खत्म कर सकती थी लेकिन अदूरदर्शी फैसला लेकर बिजली निगम बना दिया। वर्तमान में लगातार घाटा बढ़ रहा है तो इसके जिम्मेदार अफसर व कर्मचारी नहीं बल्कि प्रबंधन की गलत नीतियां हैं।

आगरा में टोरेंट कंपनी को बिजली का ठेका दिया गया है। सभी जानते हैं कि टोरेंट की स्थिति क्या है। उन्होंने जनता का आह्वान किया कि वह बिजलीकर्मियों को आंदोलन में सहयोग करें क्योंकि यह लड़ाई सिर्फ अफसरों व कर्मचारियों की नहीं बल्कि जनता की है। निजीकरण होने पर सबसे ज्यादा नुकसान जनता को ही उठाना पड़ेगा। अभी तक जनता की सुनवाई और उनकी बिजली समस्‍या जितने आसानी से दूर हो रही है, वह निजीकरण के बाद संभव नहीं हो पाएगा।

वक्‍ताओं ने कहा कि बिल वसूली के लिए प्राइवेट एजेंसी काम कर रही है। उपभोक्‍ताओं को पता है कि एजेंसी से किस तरह की परेशानी पैदा हो रही है। पैसा लेकर बिजली बिल न जमा करने की शिकायतें मिल रही हैं। यही बिजली निगम का निजीकरण होगा तो सभी उपभोक्‍ताओं को परेशान होना पड़ेगा। तब न तो सरकार ही सुनेगी और न प्राइवेट एजेंसी। उपभोक्‍ताओं को इधर से उधर दौड़ना पड़ेगा। उन्‍होंने कहा कि आंदोलन में बिजली उपभोक्‍ताओं को भी शामिल किया जाएगा। इस दौरान दीपक गुप्ता, बृजेश त्रिपाठी, अखिलेश गुप्ता, करुणेश त्रिपाठी, सुजीत सिंह, शिवम चौधरी, राजेश कन्नौजिया, राम अवतार यादव, संदीप श्रीवास्तव, अरुण गुप्ता आदि मौजूद रहे।


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