गोरखपुर, जेएनएन। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड समेत कई राज्यों के बिजली निगमों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ अफसरों और कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया। शाम चार बजे मोहद्दीपुर स्थित मुख्य अभियंता बिजली के कार्यालय के सामने प्रदर्शन कर आंदोलन और तेज करने की चेतावनी दी। साथ ही कहा कि बिजली निगमों का किसी भी कीमत पर निजीकरण नहीं होने दिया जाएगा। निजीकरण से न केवल विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को परेशानी होगी अपितु सबसे ज्यादा उपभोक्ता प्रभावित होंगे। देश के कई हिस्सों में निजीकरण का प्रयोग भी फेल हो चुका है। बावजूद इसके सरकार हठधर्मी रवैया अपना रही है।
अब आंदोलन ही एक मात्र रास्ता
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति और विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन के बैनर तले हुए प्रदर्शन में संघर्ष समिति के संयोजक ऐश्वर्य सिंह व सह संयोजक शिवम चौधरी ने कहा कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के प्रस्ताव का विरोध किया जाएगा। यह अब अधिकारियों और कर्मचारियों की प्रतिष्ठा से जुड़ गया है। हमें एकजुट होकर हरहाल में निजीकरण का विरोध करना ही है। इसके अलावा हमारे पास और कोई रास्ता नहीं रह गया है। सरकार ने आंदोलन करने के लिए बाध्य किया है। अन्यथा बिजली विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कभी आंदोलन नहीं करते।
इन स्थानों पर विफल हो चुका है निजीकरण का प्रयोग
विद्युत कर्मचारी मोर्चा संगठन के क्षेत्रीय सचिव उदय प्रताप सिंह ने कहा कि निजीकरण का प्रयोग उड़ीसा, दिल्ली, ग्रेटर नोएडा, औरंगाबाद, नागपुर, जलगांव, गया, मुजफ्फरपुर आदि कई स्थानों पर विफल हो चुका है। प्रदर्शन के बाद भी इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 व पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण का प्रस्ताव वापस न लिया गया और केंद्र शासित प्रदेशों एवं उड़ीसा के बिजली निजीकरण की कार्यवाही निरस्त न की गयी तो प्रदेश के समस्त बिजली कर्मी प्रदेश व्यापी आंदोलन शुरू करने को बाध्य होंगे। केंद्रीय मंत्री अनुज पाल, जिला सचिव राहुल श्रीवास्तव ने कहा कि निजीकरण से उपभोक्ताओं को महंगी बिजली मिलेगी। अमित भाटिया, प्रमोद यादव, प्रांतीय मंत्री आशुतोष शाही, अजय ङ्क्षसह, अनिल ङ्क्षसह, प्रवेश सोनकर, एकलव्य गुप्ता, नीरज मिश्रा, प्रवीण सिंह, आशीष पासवान, अभय, नरसिंह मौर्य, रामअवतार आदि मौजूद रहे।
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