रिकार्ड स्तर पर पहुंचा आलू का मूल्य, महंगा होने के चलते कम हुई प्याज की मांग
आलू-प्याज के बढ़ते दामों ने रसोई का जायका बिगाड़ दिया है। सब्जी में अब आलू का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। नया आलू 60 तो पुराना आलू 50 से 55 रुपये किलो तक बिक रहा है। थोक मंडी में आलू 47 सौ रुपये क्विंटल हो गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। आलू-प्याज के दामों में एक बार फिर उछाल आया है। फुटकर बाजार में नया आलू 60 तो पुराना आलू 50 से 55 रुपये किलो तक बिक रहा है। थोक मंडी में आलू 47 सौ रुपये क्विंटल हो गया है। कुछ ऐसा ही हाल प्याज का भी है। 50 रुपये किलो से बढ़कर 65 रुपये तक पहुंच गया है। भाव में तेजी के चलते मंडी में प्याज की आवक भी कम हो गई है। इसका असर भी प्याज की कीमताें पर पड़ रहा है।
आलू-प्याज ने बिगाड़ा रसोई का जायका
आलू-प्याज के बढ़ते दामों ने रसोई का जायका बिगाड़ दिया है। सब्जी में अब आलू का इस्तेमाल नहीं हो रहा है। हालांकि, इससे अमीर वर्ग के लोगों को कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन मध्यम वर्गीय और गरीब, मजदूर, किसानों खरीदता बंद कर दिया है। आलू-प्याज के थोक कारोबारी मोहम्मद शम्स का कहना है कि नासिक में प्याज 52 सौ से 55 सौ रुपये क्विंटल बिक रहा है। ऐसे में देखा जाए तो नासिक के मुकाबले प्याज सस्ती बिक रही है।
कम हो गई प्याज की मांग
महंगा होने के चलते प्याज की मांग 50 फीसद तक कम हो गई है। आने वाले दिनों में प्याज के भाव में तेजी बनी रहेगी। दूसरी तरफ सब्जियों की के भाव भी चढ़ने लगे हैं। थोक व फुटकर बाजार मेंं दाेगुने का फर्क देखा जा रहा है। परवल महेवा मंडी में 45 से 50 तो फुटकर में 90 से 100 रुपये बिक रही है। फुटकर बाजार में साग को छोड़ कोई भी सब्जी 40 रुपये से नीचे नहीं है। सब्जी विक्रेता संजय कुमार का कहना है कि मंडी में सब्जी का पूरा बोरा लेना पड़ता है और अक्सर उसका एक हिस्सा खराब निकल जाता है। हमलोग किसी भी सब्जी पर प्रतिकिलो अधिकतम 10 रुपये मुनाफा रखते हैं।
शुक्रवार को गोरखपुर में सब्जियों की कीमतें (रुपये में)
थोक फुटकर
नेनुआ - 18-22 30-40
भिंडी - 15-20 40-45
बैगन - 15-20 24-30
टमाटर - 36-40 50-60
करेला - 25-28 40-50
परवल - 45- 50 80-90
लौकी - 08- 12 20-25
हरी मिर्च 40-45 60-65
आलू 45-47 50-80
प्याज - 52-55 60-65
गोभी - 14- 16 28-36
खीरा - 30- 32 30-36
साग- 10-12 28-30
मटर -70 -72 90-100
नोट : क्वालिटी और साइज के हिसाब से सब्जियों की कीमत कम या ज्यादा हो सकती है।