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गोरखपुर में वासंतिक नवरात्र के पहले दिन भक्ति भाव से शुरू हुई शक्ति की आराधना Gorakhpur News

काली मंदिर गोलघर दाउदपुर कालीबाड़ी रेती चौक में श्रद्धालु पहुंचे। बड़ी संख्या में लोग बुढ़िया माई व तरकुलहा देवी मंदिर भी गए। मंदिरों में एक साथ पांच-पांच लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है। उन्हें दूर-दूर खड़ा होकर दर्शन के लिए प्रेरित किया जा है।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Tue, 13 Apr 2021 02:31 PM (IST)Updated: Tue, 13 Apr 2021 02:31 PM (IST)
गोरखपुर में वासंतिक नवरात्र के पहले दिन भक्ति भाव से शुरू हुई शक्ति की आराधना Gorakhpur News
गोलघर की काली मां की प्रतिमा का फोटो, जागरण।

गोरखपुर, जेएनएन। वासंतिक नवरात्र व्रत मंगलवार से शुरू हो गया। पहले दिन श्रद्धालुओं ने घरों व मंदिरों में कलश स्थापना की। भक्ति भाव से मां भगवती की पूजा-अर्चना कर अपनी आस्था व श्रद्धा अर्पित की। जयघोष गूंज रहा है। माहौल भक्ति, उत्सव व उल्लास से भरपूर है।

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सुबह साफ-सफाई के बाद पूजा स्थल तैयार किए गए। पुरोहित की सहायता से श्रद्धालुओं ने कलश स्थापित किया। इसके बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ किया गया। श्रद्धालु देवी मंदिरों में पहुंचे। मां का दर्शन-पूजन कर मंगल कामना की। मंदिरों के सामने पूजन सामग्री, मिष्ठान व फलों की दुकानें सजी हैं।

काली मंदिर गोलघर, दाउदपुर, कालीबाड़ी रेती चौक में श्रद्धालु पहुंचे। बड़ी संख्या में लोग बुढ़िया माई व तरकुलहा देवी मंदिर भी गए। मंदिरों में एक साथ पांच-पांच लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है। उन्हें दूर-दूर खड़ा होकर दर्शन के लिए प्रेरित किया जा है।

कोविड प्रोटोकाल का कराया जा रहा पालन

देवी मंदिरों पर दर्शन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालुओं को कोविड प्रोटोकाल का पालन कराया जा रहा है। सभी को मास्क लगाकर दर्शन करने व शारीरिक दूरी का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। मंदिरों के स्वयं सेवक श्रद्धालुओं की सुरक्षा व सुविधा का ध्यान रख रहे हैं। एक साथ बड़ी संख्या में लोग मंदिर में न पहुंचें, इसलिए पांच-पांच श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया जा रहा है।

वैदिक मंत्रोच्चार से गूंजे मंदिर व घर

घरों व मंदिरों में दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू किया गया है। वैदिक मंत्रोच्चार से घर व मंदिर गूंज रहे थे। घरों में भक्तिमय माहौल है। पूजन-अर्चन व पाठ के बाद व्रतियों ने फलहार किया।

महाष्टमी व्रत 20 को

अनेक श्रद्धालु नौ दिन व्रत न रहकर केवल दो दिन- पहले दिन व महाष्टमी को व्रत रहते हैं। महाष्टमी का व्रत 20 अप्रैल को है। महानिशा पूजा 19 अप्रैल को की जाएगी। यह जानकारी ज्योतिषाचार्य पं. नरेंद्र उपाध्याय ने दी।


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