सिद्धार्थनगर में 1001 तालाबों की होगी खोदाई, गिरते जलस्तर से मिलेगी निजात
सिद्धार्थनगर जनपद में जलस्तर सुधारने के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन। भूगर्भ जलस्तर में सुधार और वर्षा जल संचय को लेकर संजीदा प्रदेश सरकार के निर्देश पर ग्राम पंचायतों में तालाबों के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। अब तक मनरेगा योजना से जीर्णोद्वार के लिए 1001 तालाबों को नया स्वरूप देने के लिए चिन्हित किया गया है। अब तक 303 तालाबों को जीर्णोद्वार कराया जा चुका है। इन तालाबों की खोदाई, सिल्ट और साफ-सफाई लगभग पूरी हो चुकी है। 698 तालाबों पर अभी काम चल रहा है।
काम पूरा हो जाने पर गिरते जलस्तर के संकट से निजात मिल सकेगी। प्रदेश सरकार ने बारिश से पहले ही गांवों में बने सरकारी और निजी तालाबों की सफाई के साथ ही उसकी खोदाई कराने के निर्देश दिए थे। सरकार की मंशा तालाबों का जीर्णाेद्धार कराकर वर्षा जल संचय करने की है। ताकि भूगर्भ जलस्तर को समृद्ध किया जा सके। सरकार के फरमान पर मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत तालाबों की खोदाई कराने का अभियान चलाया जा रहा है।
उपायुक्त श्रम-रोजगार (डीसी मनरेगा) संजय शर्मा ने बताया कि जनपद में इस साल 1001 तालाबों का जीर्णोद्धार होना है। इसमें 303 पूर्ण कर लिए गए हैं। शेष पर मनरेगा के श्रमिकों द्वारा काम चल रहा है। श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराते हुए तालाबों की सफाई के साथ-साथ जमे सिल्ट और झाड़ियों की भी सफाई कराई जा रही है। तालाबों में इकट्ठा पानी जहां जलस्तर को दुरुस्त करेगा वहीं पशुओं के लिए उपयोगी होगा। इससे सिंचाई के लिए जल की व्यवस्था भी सुगम होगी। खेती किसानी का संकट भी दूर होगा। पशु पक्षियों को राहत मिलेगी।