विद्यार्थी परिषद से हुई राजनीतिक जीवन की शुरूआत, अब मिली योगी कैबिनेट में जगह Gorakhpur News
द्धार्थनगर के इटवा के विधायक व प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाए गए डा. सतीश द्विवेदी के राजनैतिक जीवन की शुरूआत विद्यार्थी परिषद से हुई।
गोरखपुर, जेएनएन। सिद्धार्थनगर जनपद के इटवा के विधायक व प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाए गए डा. सतीश द्विवेदी के राजनैतिक जीवन की शुरूआत विद्यार्थी परिषद से हुई। परिषद में सदस्य प्रदेश कार्य समिति, गोरखपुर के प्रांत उपाध्यक्ष आदि दायित्वों का निर्वहन किया। विद्यार्थी परिषद में डा. सतीश द्विवेदी की छवि संगठन के थिंक टैंक की रही है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में विद्यार्थी परिषद को वैचारिक व सांगठनिक रूप से मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है। भाजपा से प्रत्यक्ष राजनीति की शुरूआत अपनी छवि के अनुरूप भाजपा के प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख के रूम में किए।
अर्थशास्त्र में पीएचडी हैं डा. सतीश
डा. सतीश द्विवेदी का अर्थशास्त्र में गहन अध्ययन है। नेट व पीएचडी धारी डाक्टर सतीश अर्थशास्त्र से जुड़े विभिन्न विषयों पर अपना शोध पत्र जारी कर चुके हैं। भारतीय व अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र पर विशेष अध्ययन है। विद्यार्थी परिषद के प्रांत व राष्ट्रीय अधिवेशनों में भारतीय अर्थ व्यवस्था से जुड़े प्रस्ताव तैयार व संशोधन में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते रहे हैं। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय को 2017 के चुनाव में शिकस्त दिया था। इटवा तहसील के शनिचरा गांव में पैदा हुए। 1999 में नेट क्वालीफाई करते हुए पीएचडी किया किया।
2001 में उनका कुशीनगर के बुद्धा डिग्री कॉलेज में बतौर लेक्चरर सलेक्शन हुआ। उसके बाद रीडर, फिर उसी कालेज में अर्थशास्त्र के एचओडी बनाए गए। विधायक बनने के बाद उनका ट्रांसफर नियमानुसार सिद्धार्थ विश्वविद्यालय सिद्धार्थनगर अंतर्गत बुद्ध विद्यापीठ महाविद्यालय में हुआ। उनका जन्म 17 दिसंबर 1977 को हुआ ।
अपने गांव के पहले स्नातक
उन्होंने जब अपने गांव से स्नातक की डिग्री हासिल की तब शनिचरा गांव में कोई व्यक्ति स्नातक नहीं था। डा. सतीश द्विवेदी के चार भाई और दो बहने हैं। भाइयों में वह सबसे बड़े बताये जा रहे हैं । उनकी पत्नी वर्तमान में लखनऊ में शिक्षिका के पद पर कार्यरत हैं । सतीश को पहले ही प्रयास में विधायकी में सफलता मिली थी। इसलिए योगी सरकार ने उनको बड़ी सौगात देते हुए यह मंत्री पद दिया है।
1994 से 2007 तक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे। द्विवेदी 2007 में भाजपा में आये और गोरखपुर क्षेत्र के प्रशिक्षण प्रकोष्ठ के संयोजक बने। 2007 से 2013 तक इस पद पर विराजमान रहे। फिर 2013 में इसी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष को हराया
सेल के प्रदेश के संयोजक बने। 2017 में पहली बार चुनाव लड़े और माताप्रसाद पांडेय को हराकर दस हज़ार वोटों से जीते। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय तीसरे नंबर पर रहे और दूसरे नंबर पर यहां से बसपा के अरशद खुर्शीद रहे।