मनीष गुप्ता हत्याकांड : पुलिसकर्मियों की नहीं हुई पेशी, जेल प्रशासन ने मांगा निर्देश
कानपुर के कारोबारी मनीश गुप्ता हत्याकांड के आरोपित छह पुलिसकर्मियों की 13 जनवरी को कोर्ट में पेशी नहीं हुई। उन्हें गोरखपुर सीजेएम या लखनऊ की विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश होना है इसकी सूचना जेल प्रशासन के पास नहीं थी।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। कानपुर के कारोबारी मनीश गुप्ता हत्याकांड के आरोपित छह पुलिसकर्मियों की 13 जनवरी को कोर्ट में पेशी नहीं हुई। उन्हें गोरखपुर सीजेएम या लखनऊ की विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश होना है इसकी सूचना जेल प्रशासन के पास नहीं थी। आरोपितों की न्यायिक अभिरक्षा खत्म होने के बाद जेल प्रशासन ने सीजेएम को पत्र लिखकर निर्देश मांगा है।
सीबीआइ ने लखनऊ में दाखिल की है चार्जशीट
सात जनवरी को मामले की जांच कर रही सीबीबाइ ने निलंबित इंस्पेक्टर जेएन सिंह, दारोगा अक्षय मिश्रा, राहुल दूबे, विजय यादव, मुख्य आरक्षी कमलेश यादव और आरक्षी प्रशांत को मनीष गुप्ता की हत्या का आरोपित मानते हुए लखनऊ की विशेष मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। जिसमें 13 जनवरी को आरोपित पुलिसकर्मियों की पेशी होनी थी।
आरोपितों को सीबीआइ के रिमांड पर लेने की थी उम्मीद
जेल के अधिकारियों का मानना है कि सीबीआइ की टीम सभी पुलिसकर्मियों को रिमांड पर लेकर लखनऊ जाएगी और कोर्ट में पेशी कराएगी। लेकिन 12 जनवरी की तक कोई सूचना नहीं मिली। जिसके बाद चर्चा थी कि गोरखपुर जेल से वीडियो काफ्रेंसिंग के जरिये उनकी पेशी होगी। 13 जनवरी को दोपहर बाद भी जब पुलिसवालों की किसी भी कोर्ट में पेशी नहीं हुई तब जेल प्रशासन ने गोरखपुर न्यायालय को पत्र लिखकर मामले की जानकारी देते हुए आगे के लिए निर्देश मांगा।
यह है मामला
कानपुर निवासी प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की 27 सितंबर 2021 की रात को तारामंडल के होटल कृष्णा पैलेस में पुलिसकर्मियों ने पीटकर हत्या कर दी। अपने दो दोस्तों हरियाणा के हरबीर और प्रदीप के साथ मनीष गुप्ता यहां ठहरे हुए थे। मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने छह पुलिसर्मियों के खिलाफ रामगढ़ताल थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कराया। राज्य सरकार की सिफारिश पर मामले की जांच कर रही सीबीआइ ने सात जनवरी को सभी पुलिसर्मियों को हत्या का दोषी मानने हुए उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया है।