Shahana Suicide Case: कौन है शहाना की बेटी का पिता, जानने के लिए डीएनए टेस्ट कराएगी पुलिस
Shahana Suicide Case शहाना की मौत के बाद से यह गुत्थी नहीं सुलझ रही है कि उसके बेटे का पिता कौन है। शहाना के स्वजन के मुताबिक बच्चा आरोपित दारोगा का है जबकि आरोपित दारोगा का कहना है कि बच्चा उसका नहीं है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। गोरखपुर महिला जिला अस्पताल की संविदाकर्मी शहाना उर्फ सुहानी सिंह के 11 माह के बेटे ट्वेंटी का पुलिस डीएनए परीक्षण कराएगी। शहाना की मौत के बाद से यह गुत्थी नहीं सुलझ रही है कि ट्वेंटी का पिता कौन है। शहाना के स्वजन के मुताबिक बच्चा आरोपित दारोगा राजेंद्र सिंह का है, जबकि आरोपित दारोगा का कहना है कि बच्चा उसका नहीं, बल्कि समीर नाम सिंह के एक व्यक्ति का है। शहाना उससे पहले शादी कर चुकी थी, जबकि शहाना ने जिस निजी अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था। वहां बच्चे के जन्म प्रमाण पत्र पर उसके पिता का नाम बबलू सिंह दर्ज हैं। ऐसे में डीएनए परीक्षण से ही ज्ञात होगा कि बच्चे का पिता कौन है।
शहाना के बेटे व दारोगा का डीएनए परीक्षण के लिए भेजा जाएगा नमूना
बता दें कि बेलीपार के भीटी गांव की 30 वर्षीया शहाना कोतवाली के बक्शीपुर में किराये पर कमरा लेकर दारोगा राजेंद्र सिंह के साथ रहती थी। बीते 17 अक्टूबर को कमरे में उसका फंदे से लटकता हुआ शव मिला था। शहाना की मां तदरुन निशा ने दारोगा पर आरोप लगाया था कि दारोगा के उत्पीड़न से तंग आकर उसकी पुत्री ने आत्महत्या कर ली। कोतवाली पुलिस दारोगा को गिरफ्तार करके जेल भेज चुकी है। शहाना की मौत के बाद से यह गुत्थी नहीं सुलझ रही है कि उसके 11 माह के बेटे ट्वेंटी का पिता कौन है। शहाना के मायके वाले इस बात पर अड़े हुए हैं कि बेटा दारोगा का है, लेकिन आरोपित दारोगा यह मानने को तैयार नहीं है। ऐसे में पुलिस अब डीएनए परीक्षण के जरिये यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि बच्चे का पिता कौन है। इसके लिए वह जल्द ही दारोगा राजेंद्र सिंह व ट्वेंटी का नमूना परीक्षण के लिए लेगी।
शहाना के नाते गोरखपुर छोड़ने को तैयार नहीं था आरोपित दारोगा
शहाना के स्वजन के मुताबिक शहाना कई वर्षों से आरोपित दारोगा की गिरफ्त में थी। नगरनिगम चौकी इंचार्ज रहते उसका महिला जिला अस्पताल पर जाना आना था और शहाना उसके संपर्क आयी तो वह उसका उत्पीड़न करने लगा था। नगरनिगम चौकी इंचार्ज से हटने के बाद वह पैडलेगंज चौकी इंचार्ज हुआ था, तब भी वह शहाना का उत्पीड़न करता था। दो वर्ष पूर्व जब आरोपित दारोगा का गोरखपुर से तबादला हुआ तो शहाना को लगा था कि वह उससे छुटकारा पा जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। तबादले के बाद आरोपित दारोगा ने तत्कालीन एसएसपी से गिड़गिड़ाया था कि उसे गोरखपुर छोड़ना न पड़े, लेकिन तत्कालीन एसएसपी ने उसे तत्काल रिलीव करा दिया था। अभिसूचना मुख्यालय में तबादले के बाद वह फिर वहां से जुगाड़ लगाकर कुछ ही माह में अभिसूचना के स्पेशल ब्रांच गोरखपुर में आ गया था। उसके बाद से फिर शहाना का उत्पीड़न करने लगा था।
दुर्घटना के बाद गोरखपुर रहने लगी थी शहाना
स्वजन ने यह भी बताया कि दो वर्ष पूर्व तक शहाना घर से आती-जाती थी, लेकिन दो वर्ष पूर्व बाघागाड़ा में एक दुर्घटना में वह गंभीर रूप से घायल हो गयी थी। इसके बाद से वह तिवारीपुर में किराये पर कमरा लेकर रहने लगी थी, लेकिन आरोपित दारोगा वहीं आ धमका और उसके साथ रहने लगा था। बाद में वह उसे सुहानी बनाकर अपने साथ बक्शीपुर में ले आया था।
दारोगा से मिलने के लिए जेल पहुंचा बेटा
आरोपित दारोगा राजेंद्र सिंह निवासी श्रीनगर रेवती बलिया का बेटा पिता से मिलने के लिए गोरखपुर जेल गया था। वहां राजेंद्र से मिलकर उसने घटना के संबंध में कुछ आवश्यक जानकारी ली। ताकि उनकी जमानत के लिए वह अधिवक्ताओं से संपर्क साध सके।