नंबर बदल गया लेकिन 112 की जगह अब भी डायल कर रहे 100 नंबर Gorakhpur News
26 अक्टूबर 2019 से ही 100 की जगह नया नंबर 112 प्रचलन में है लेकिन पुलिस की मदद के लिए अधिकतर लोग 100 नंबर ही डायल कर रहे हैं। लोगों के दिलो-दिमाग में अभी पुराना नंबर ही बना हुआ है।
गोरखपुर, जेएनएन। पुलिस सहायता के लिए डायल होने वाला नंबर 100 लोगों की जुबान और जेहन में इस कदर घर कर गया है कि यह नंबर बदलने के साल भर बाद भी लोग नए नंबर की जगह 100 नंबर ही डायल कर रहे हैं।
35 हजार से अधिक लोगों ने 112 की जगह मिलाया 100 नंबर
26 अक्टूबर 2019 से ही 100 की जगह नया नंबर 112 प्रचलन में है, लेकिन पुलिस की मदद के लिए अधिकतर लोग 100 नंबर ही डायल कर रहे हैं। लोगों के दिलो-दिमाग में अभी पुराना नंबर ही बना हुआ है। पुलिस अफसरों का कहना है कि सहूलियत के लिए 112 नंबर पर यह सुविधा शुरू हुई है, पर व्यवहार में अभी यह पूरी तरह से आ नहीं पाया है। यही वजह है कि लोग अभी पुराना 100 नंबर ही डायल कर रहे। 26 अक्टूबर 2019 से 26 अक्टूबर 2020 तक कुशीनगर जिले में 77 हजार दो सौ 80 लोगों ने पुलिस सहायता के लिए फोन किया। इनमें लगभग 35 हजार से अधिक लोगों ने 100 नंबर ही मिलाया। हालांकि पुलिस दोनों ही नंबरों पर सहायता सुलभ करा रही है। जिससे कि पुलिस की मदद के लिए फोन करने वाला व्यक्ति इससे वंचित न रह जाए।
54 गाड़ियाें का है मूवमेंट
कुशीनगर जिले में डायल 112 में 35 चार तथा 22 दो पहिया वाहन समेत कुल 57 वाहन हैं। इनमें 33 चार पहिया तथा 21 दो पहिया वाहन समेत कुल 54 वाहनों का दिन-रात मूवमेंट है। डायल 112 के प्रभारी निरीक्षक रशीद खान के अनुसार दारोगा, हेडकांस्टेबल, होमगार्ड सहित 350 पुलिसकर्मी आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्ट में अपनी सेवा दे रहे हैं।
12-14 मिनट है रिस्पांस टाइम
112 नंबर पर प्राप्त सूचना पर पुलिस के पहुंचने का औसतन समय 12 से 14 मिनट है। ग्रामीण क्षेत्र में पहुंचने में पुलिस को कभी-कभी 15-25 मिनट तक लग जाते हैं। टीम की कोशिश रहती है कि इसमें कमी लाई जाए। वहीं कुछ क्षेत्रों में नेटवर्क सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। नेटवर्क न होने से पुलिस को समय पर सूचना नहीं मिल पाती, जिससे पहुंचने में समय लग जाता।
कुशीनगर के एसपी विनोद कुमार सिंह का कहना है कि 112 के लांच होने के दिन ही यह स्पष्ट कर दिया गया था कि दो साल तक 100 नंबर को भी चालू रखा जाएगा। पुलिस के रिस्पांस टाइम में और भी कमी लाने का प्रयास चल रहा। कम से कम समय में पीड़ित तक पहुंच सहायता की जाए यही मकसद है। लोग 100 की जगह 112 नंबर को ही व्यवहार में लाएं।