राखी हत्याकांड : डॉ. डीपी के पोखरा के होटल में ठहरने का नहीं मिला प्रमाण
राखी हत्याकांड में पुलिस को साक्ष्य नहीं मिल पाया है। पुलिस नेपाल के पोखरा में गई थी। होटले को खंगाला पर डाक्टर के ठहरने का प्रमाण नहीं मिला।
By Edited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 02:30 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jan 2019 10:44 AM (IST)
गोरखपुर, जेएनएन। राखी हत्याकांड में साक्ष्य जुटाने नेपाल गई पुलिस खाली हाथ लौट आई है। सह विवेचक ने दो दिन तक पोखरा और उसके आसपास के होटल में जाकर छानबीन की लेकिन डॉ. डीपी सिंह के होटल में ठहरने का प्रमाण नहीं मिला। घटना के संबंध में किसी का बयान भी दर्ज नहीं हो पाया। नेपाल पुलिस ने सह विवेचक को राखी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट मुहैया कराई, जिसकी गहराई से पड़ताल हो रही है।
एसएसपी के निर्देश पर दो दिन पहले सह विवेचक कौआबाग चौकी प्रभारी राखी हत्याकांड की जांच करने पोखरा गए थे। घटनास्थल का मुआयना करने के बाद स्थानीय होटल में जाकर छानबीन। किसी भी होटल में डॉ. डीपी सिंह, राखी श्रीवास्तव और आरोपित कर्मचारियों के ठहरने का प्रमाण नहीं मिला। घटना के संबंध में किसी का बयान भी दर्ज नहीं हो पाया। आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने के अब क्राइम ब्रांच की टीम को नेपाल भेजने की तैयारी चल रही है।
विवेचक ने जेल में लिया डॉ. सिंह का बयान
राखी हत्याकांड की विवेचना गोरखनाथ थाना प्रभारी अखिलेश सिंह कर रहे हैं। गुरुवार को जेल में जाकर उन्होंने हत्यारोपित डॉ. सिंह और उनके कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। सूत्रों की माने तो डॉक्टर ने राखी की हत्या करने से इन्कार कर दिया। यह है मामला शहर के शाहपुर, बिछिया निवासी राखी श्रीवास्तव चार जून से लापता थी। राखी के भाई अमर ने शाहपुर थाने में उसके पति मनीष श्रीवास्तव के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। एसटीएफ ने जांच शुरू की तो डॉक्टर सिंह द्वारा नेपाल के पोखरा में राखी की हत्या किए जाने का प्रमाण मिला। साक्ष्य के आधार पर 21 दिसंबर की सुबह एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने दाउदपुर के पास डॉ. सिंह और उनके कर्मचारी प्रमोद सिंह और देश दीपक निषाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
एसटीएफ ने साधी चुप्पी
राखी हत्याकांड का पर्दाफाश गोरखपुर एसटीएफ की टीम ने किया था। आइजी एसटीएफ ने जल्द ही कई अन्य लोगों के पकड़े जाने का दावा किया था, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। एसटीएफ ने इस मामले को लेकर अब चुप्पी साध ली है।
एसएसपी के निर्देश पर दो दिन पहले सह विवेचक कौआबाग चौकी प्रभारी राखी हत्याकांड की जांच करने पोखरा गए थे। घटनास्थल का मुआयना करने के बाद स्थानीय होटल में जाकर छानबीन। किसी भी होटल में डॉ. डीपी सिंह, राखी श्रीवास्तव और आरोपित कर्मचारियों के ठहरने का प्रमाण नहीं मिला। घटना के संबंध में किसी का बयान भी दर्ज नहीं हो पाया। आरोपितों के खिलाफ साक्ष्य जुटाने के अब क्राइम ब्रांच की टीम को नेपाल भेजने की तैयारी चल रही है।
विवेचक ने जेल में लिया डॉ. सिंह का बयान
राखी हत्याकांड की विवेचना गोरखनाथ थाना प्रभारी अखिलेश सिंह कर रहे हैं। गुरुवार को जेल में जाकर उन्होंने हत्यारोपित डॉ. सिंह और उनके कर्मचारियों के बयान दर्ज किए। सूत्रों की माने तो डॉक्टर ने राखी की हत्या करने से इन्कार कर दिया। यह है मामला शहर के शाहपुर, बिछिया निवासी राखी श्रीवास्तव चार जून से लापता थी। राखी के भाई अमर ने शाहपुर थाने में उसके पति मनीष श्रीवास्तव के खिलाफ अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था। एसटीएफ ने जांच शुरू की तो डॉक्टर सिंह द्वारा नेपाल के पोखरा में राखी की हत्या किए जाने का प्रमाण मिला। साक्ष्य के आधार पर 21 दिसंबर की सुबह एसटीएफ की गोरखपुर यूनिट ने दाउदपुर के पास डॉ. सिंह और उनके कर्मचारी प्रमोद सिंह और देश दीपक निषाद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
एसटीएफ ने साधी चुप्पी
राखी हत्याकांड का पर्दाफाश गोरखपुर एसटीएफ की टीम ने किया था। आइजी एसटीएफ ने जल्द ही कई अन्य लोगों के पकड़े जाने का दावा किया था, लेकिन कुछ हाथ नहीं लगा। एसटीएफ ने इस मामले को लेकर अब चुप्पी साध ली है।
Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें