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रेलवे की ग्रुप डी भर्ती : वेबसाइट हैक कर फर्जीवाड़ा करने वालों से हारी पुलिस Gorakhpur News

2015 में रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह ने साइबर अपराधियों को पुलिस नहीं पकड़ पाई। इस मामले में दर्ज एफआइआर में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 13 Mar 2020 11:50 PM (IST)Updated: Sun, 15 Mar 2020 09:29 AM (IST)
रेलवे की ग्रुप डी भर्ती : वेबसाइट हैक कर फर्जीवाड़ा करने वालों से हारी पुलिस Gorakhpur News
रेलवे की ग्रुप डी भर्ती : वेबसाइट हैक कर फर्जीवाड़ा करने वालों से हारी पुलिस Gorakhpur News

गोरखपुर, सतीश कुमार पांडेय। 2015 में रेलवे में नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले गिरोह ने साइबर अपराधियों की मदद से रेलवे भर्ती सेल की वेबसाइट ही हैक कर ली। पूर्वोत्तर रेलवे में हुई ग्रुप डी की भर्ती के अंतिम परिणाम में 197 फर्जी नाम जोड़ दिए। फाइनल रिजल्ट में अभ्यर्थियों का नाम प्रकाशित होने के बाद उनसे करोड़ों रुपये की वसूली की। रेलवे भर्ती सेल के तत्कालीन चेयरमैन ने कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कराया। जिसकी जांच क्राइम ब्रांच को मिली। लेकिन विवेचक ने साक्ष्य न मिलने की रिपोर्ट देकर फाइल बंद कर दी।

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साइबर अपराधियों ने वेबसाइट हैक कर जोड़े थे 197 फर्जी नाम

रेलवे भर्ती सेल की तरफ से 24 अगस्त 2014 को ग्रुप डी की भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित किया गया था। चयन प्रक्रिया की औपचारिकताएं पूरी करने के बाद 19 जून 2015 को सभी सफल अभ्यर्थियों की सूची प्रकाशित कर दी गई। इसमें 685 अभ्यर्थियों के नाम शामिल थे। 22 जुलाई 2015 को चयनित अभ्यर्थियों के नाम रेलवे की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए। इस बीच साइबर अपराधियों ने वेबसाइट हैक कर लिया और उसमें 197 फर्जी नाम जोड़ दिए।

पुलिस ने लगा दी फाइनल रिपोर्ट

बाद में जुड़े नाम वाले अभ्यर्थी जब नियुक्ति पत्र लेने रेलवे भर्ती सेल पहुंचे, तब घटना का पता चला। नवंबर 2015 में कैंट पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की लेकिन साक्ष्य हाथ नहीं लगा। एक साल बाद विवेचना क्राइम ब्रांच को स्थानांतरित कर दी गई। लेकिन विवेचक साइबर अपराधियों तक नहीं पहुंच पाए। 2018 में मामला फिर कैंट थाने पहुंच गया और विवेचक ने एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दिया।

रिजल्ट के 12 पेज बढ़कर 16 हो गए थे

गिरोह ने नियोजित तरीके से घटना को अंजाम दिया था। नाम जोड़े गए अभ्यर्थियों की नियुक्ति भले ही फर्जी हो, लेकिन असली चयन प्रक्रिया के कई चरणों से उन्हें गुजारा गया था। इंटरनेट पर लोड रिजल्ट के 12 पेज में 685 अभ्यर्थियों के नाम शामिल थे। जालसाजों ने वेबसाइट हैक कर जब 197 फर्जी नाम बढ़ाए, तो पेजों की संख्या 16 पहुंच गई। नियुक्ति पत्र लेने पहुंचे अभ्यर्थियों की शिकायत पर जब जांच शुरू हुई तो रिजल्ट की बढ़ी संख्या देखकर ही अधिकारियों को जालसाजी का अंदाजा हो गया।

रेलवे की वेबसाइट हैक कर अंतिम परिणाम में नाम जोडऩे का मामला गंभीर है। इस प्रकरण की फिर से जांच कराई जाएगी। - डॉ. सुनील गुप्ता, एसएसपी  


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