गोरखपुर में साइबर अपराधियों के आगे पुलिस ने घुटने टेके, पकडऩा तो दूर केस भी दर्ज नहीं कर रही पुलिस Gorakhpur News
पुलिस की सुस्ती और बहानेबाजी का फायदा उठाकर साइबर अपराधी रोजाना लोगों को जाल में फंसा ले रहे हैं। इसी का नतीजा है कि गुजरे पांच साल में साइबर अपराध में पांच गुने का इजाफा हो गया।
गोरखपुर, जेएनएन। साइबर अपराधियों के आगे पुलिस ने घुटने टेक दिए हैं। जालसाजों को पकडऩा तो दूर मुकदमा दर्ज करने से भी पुलिस बचने लगी है। पुलिस की सुस्ती और बहानेबाजी का फायदा उठाकर साइबर अपराधी रोजाना लोगों को जाल में फंसा ले रहे हैं। इसी का नतीजा है कि गुजरे पांच साल में साइबर अपराध में पांच गुने का इजाफा हो गया है।
आनलाइन खरीदारी और ट्रांजेक्शन बढऩे के साथ साइबर क्राइम में भी इजाफा हो रहा है। लोगों में तकनीकी जानकारी के अभाव का फायदा उठाकर साइबर ठग उन्हें चूना लगा रहे हैं। पुलिस पहले तो मुकदमा दर्ज करने से बचती है, लेकिन दबाव में अगर यह करना भी पड़े तो पर्दाफाश करने की बजाय बहानेबाजी में जुट जा रही है।
इनका नहीं दर्ज हुआ मुकदमा
जानकारी के अनुसार 17 नवंबर, 2019 को झंगहा के जंगल गौरी नंबर एक निवासी अंकुर शर्मा के खाते से साइबर अपराधियों ने 48 हजार रुपये निकाल लिए। अब तक उनका मुकदमा दर्ज नहीं हुआ। इसी तरह पांच सितंबर, 2019 को रुस्तमपुर उत्तरी के नहर रोड निवासी रमेश चंद्र राय के खाते से जालसाजों ने 12 हजार रुपये निकाल लिए। थाने व पुलिस अफसरों से शिकायत के बावजूद मुकदमा दर्ज नहीं हुआ।
पुलिस की चुनिंदा बहानेबाजी
आपने ही एटीएम पिन या ओटीपी बताया होगा। नक्सली इलाकों में जाने की हमें इजाजत नहीं है। दूसरे राज्यों की पुलिस हमारी मदद नहीं करती है। जिस नंबर से ठगी हुई वह फर्जी आइडी पर लिया था। जिस खाते में पैसा गया वह फर्जी नाम-पते पर था।
पांच साल में पांच गुना बढ़ी घटनाएं
वर्ष दर्ज हुए केस
2019 288
2018 215
2017 188
2016 104
2015 45
लालच में लोग हो रही ठगी के शिकार
एसएसपी डा. सुनील गुप्त का कहना है कि अज्ञानता और लालच में फंसकर लोग ठगी के शिकार हो रहे हैं। जागरूकता से ही साइबर अपराध को रोका जा सकता है, इसके लिए अभियान चलाया जाएगा। मुकदमा दर्ज न करने का मामला गंभीर है। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।