मुकदमा लिखने में फूल रही सांस, गोली लगने पर भी केस दर्ज करने में होती है आनाकानी Gorakhpur News
पुलिस यहां अधिकांश बड़े मामले तो दर्ज करती ही नहीं। दर्ज भी करती है तो तोड़-मरोड़कर दर्ज करती है। स्पष्ट है जब पुलिस की मुकदमा दर्ज करने में ही सांस फूल रही है तो वह अपराधियों को क्या खाक पकड़ेगी।
गोरखपुर, जेएनएन। जनपद पुलिस अधिकांश अपराधिक घटनाओं के खुलासे का दावा कर रही है। बावजूद इसके जिले में अपराध का ग्राफ नहीं कम हो रहा है। सवाल यह है कि ग्राफ कम हो भी तो कैसे? पुलिस यहां अधिकांश बड़े मामले तो दर्ज करती ही नहीं। दर्ज भी करती है तो तोड़-मरोड़कर। स्पष्ट है, जब पुलिस की मुकदमा दर्ज करने में ही सांस फूल रही है तो वह अपराधियों को क्या खाक पकड़ेगी।
गोली लगने की घटना को पचाने में जुटी रही पुलिस
बीते 25 नवंबर को गीडा थाना क्षेत्र के जिगिना स्थित एक मैरेज हाल के पास सिकरीगंज के महुई निवासी राणा प्रताप सिंह को बदमाशों ने गोली मार दी। गोली मारने की घटना को भी पुलिस अनसुना करती रही। पीडि़त की पत्नी ने पहले गीडा थाने में तहरीर दी। पुलिस के ध्यान ना देने के बाद उसने सहजनवा में इसकी तहरीर दी। बावजूद इसके गीडा पुलिस इस मामले को लिखने को तैयार नहीं हुई। आसानी से समझा जा सकता है कि जब पुलिस उस व्यक्ति का मुकदमा नहीं लिख रही है, जिसे गोलियां लगी हुई हैं। मेडिकल कालेज में जिसका उपचार चल रहा हो, तो सामान्य व्यक्ति का मुकदमा कैसे दर्ज होगा। पुलिस को आनाकानी करते देख घायल की पत्नी ने दो दिन बाद आनलाइन मुकदमा दर्ज कराया। स्पष्ट है जब पुलिस ढंग से मुकदमा दर्ज करने को तैयार नहीं तो आरोपित कैसे पकड़े जाएंगे। वह पकड़े भी गए तो उन्हें क्या सजा मिलेगी, आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।
चोरी में दर्ज किया लूट का मामला
हरपुर बुहहट थाना क्षेत्र में मंगलवार रात एक भाजपा नेता की पिटाई करके बदमाशों ने उनकी बाइक, मोबाइल व रुपये छीन लिए, लेकिन पुलिस ने आरोपित पर दबाव डालकर तहरीर ही बदलवा दी। स्पष्ट है जब थाने से तहरीर ही बदलावा दी जाएगी तो आरोपित पकड़े कैसे जाएंगे। यह स्थिति भाजपा के मंडल पदाधिकारी के साथ हो रही है तो अन्य व्यक्तियों के साथ क्या होगा, जाना जा सकता है।
70 हजार रुपये की ठगी में कार्ड चोरी का मुकदमा
चौरीचौरा थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति से कुछ बदमाशों ने उसका एटीएम कार्ड बदलकर खाते से 70 हजार रुपये निकाल लिया। यहां भी पुलिस कर्मियों ने पीडि़त से तहरीर चेंज करा दिया। ठगी के बजाय सिर्फ कार्ड चोरी का मुकदमा दर्ज करके पुलिस ने अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर ली। यह घटनाएं बानगी मात्र हैं। ऐसे तमाम मामले हैं, जब पुलिस मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी करती है। ऐसे में आरोपितों का पकड़ा जाना व उन्हें सजा मिलना किसी चुनौती से कम नहीं है।