पुलिस विभाग : ताख पर त्वरित न्याय, सुनते ही हैं महीनों बाद
पुलिस का दावा हवा हवाई साबित हो रहा है। यहां तो रिपोर्ट ही कई माह बाद दर्ज हो रही है। ऐसे मामले एक दो नहीं करीब दर्जन भर हैं। ऐसे में पीडि़तों को समय से न्याय कैसे मिलेगा आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।
गोरखपुर, जेएनएन। पीडि़तों को त्वरित न्याय देने का पुलिस समाधान दिवस का आयोजन करती है। इसके अलावा भी कई तरह के अभियान चलाए जा रहे हैं और पुलिस यह दावा करती है कि पीडि़तों को त्वरित न्याय दिया जा रहा है, लेकिन उनका दावा हवा हवाई साबित हो रहा है। यहां तो रिपोर्ट ही कई माह बाद दर्ज हो रही है। ऐसे मामले एक दो नहीं, करीब दर्जन भर हैं। ऐसे में पीडि़तों को समय से न्याय कैसे मिलेगा, आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है।
पिपराइच थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने बीते 6 अगस्त को पुलिस को तहरीर देकर आराजी बनकट निवासी विनोद पर आरोप लगाया था कि वह उसे पत्नी के साथ दुष्कर्म का वीडियो वायरल करने की धमकी दे रहा है। पीडि़त ने यह भी कहा था कि पत्नी के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में वह जेल भी जा चुका है। जेल से छूटने के बाद वह उसे धमकी देने लगा। सर्विलांस जांच के नाम पर पुलिस मामले से पल्ला झाड़ रही थी। 13 अक्टूबर को इस प्रकरण में रिपोर्ट दर्ज की गई।
हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र के एक गांव में बीते 19 सितंबर को देवीलाल नाम के एक युवक ने घर में घुसकर युवती संग छेडख़ानी की। 21 सितंबर को युवती ने थाने में इसकी तहरीर दी थी। परिजन थाने से लेकर जिला मुख्यालय तक रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए गिड़गिड़ाते रहे। पुलिस ने 21 सितंबर की रात आरोपित के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया। बाद में सफाई दी कि पीडि़ता थाने नहीं आ रही थी, इस लिए मुकदमा नहीं दर्ज कर रहे थे।
चौरीचौरा थाना क्षेत्र के ग्राम राघवपुर में बीते 27 सितंबर को तालाब उतराता विजयी का शव मिला। पीडि़ता की पत्नी रेखा ने गांव के कुछ व्यक्तियों पर हत्या का आरोप लगाया। साथ में यह भी कहा है कि इन्होंने दो माह पूर्व उसके पति को बेरहमी से पीटा था और उसके पति को जान से मारने की धमकी दी थी। चौरीचौरा पुलिस ने तीन अक्टूबर को आरोपितों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज किया।
यहां तो पीडि़तों का ही कर दिया चालान
हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र में ग्राम महैचा में बीते 10 अक्टूबर को दयाराम यादव की ओर से विवादित भूमि पर बाउंड्रीवाल का निर्माण कराया जा रहा था। उनके अर्जुन यादव उन्हें रोकने गए तो दयाराम पक्ष के लोगों ने उन्हें मारापीटा। पुलिस अर्जुन के पक्ष के लोगों का ही शांतिभंग में चालान कर दिया। बाद में 17 अक्टूबर को पुलिस ने उनकी तहरीर पर आरोपितों के विरुद्ध बलवा का मुकदमा दर्ज किया।