सिर मिला न शिनाख्त हुई मां-बेटी की, पुलिस ने लगा दी फाइनल रिपोर्ट
कुशीनगर जिले में 10 माह पूर्व मिली एक महिला और उसकी मासूम बेटी की सिर कटी लाश से रहस्य का पर्दा उइाने के बजास पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी। इसका सबसे बड़ा कारण उनका शिनाख्त न हो पाना बताया जा रहा है।
गोरखपुर : कुशीनगर जिले में एक महिला और उसकी मासूम बेटी की सिर कटी लाश का रहस्य 10 माह भी बरकरार है। पुलिस ने उसकी शिनाख्त तक नहीं करा पाई। यही कारण रहा फाइनल रिपोर्ट लगाकर फाइल बंद कर दी गई।
कुशीनगर जिले के रामकोला थानाक्षेत्र के मोतीपाकड़ के समीप गन्ने के खेत मे 10 माह पूर्व महिला व बच्ची का सिर कटा शव मिला था। पुलिस के लाख प्रयास के बावजूद दोनो के सिर नहीं मिले और न हीं उनकी शिनाख्त हो पाई। क्षेत्र के दर्जनों लोग उठाकर थाने भी लाए गए, पर कोई सुराग नहीं मिल पाया। हालांकि तत्कालीन एसपी के निर्देश पर इस सनसनीखेज घटना के खुलासे के लिए त्रिस्तरीय टीम गठित हुई थी। घटना में पूरी तरह विफल होने पर रामकोला पुलिस ने इस डबल मर्डर मामले में एफआर लगा कर अपना पल्ला झाड़ लिया है।
बताते चलें कि पिछले साल 10 अक्टूबर को रामकोला थाना क्षेत्र के मोतीपाकड़ गांव के पास गन्ने के खेत में एक महिला के साथ बच्ची का सिर कटा शव मिला था। तत्कालीन एसओ श्रीप्रकाश ने उसकी शिनाख्त कराई और गायब सिर की तलाश में महीनों जोर आजमाइश कर चले गए। उनके बाद थानाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी अनिल कुमार को मिली। समय से सफलता नहीं मिलते देख तत्कालीन पुलिस कप्तान यमुना प्रसाद ने इस चुनौती से निपटने के लिए त्रिस्तरीय टीम गठित कर दी। टीम में थानाध्यक्ष रामकोला सहित थानाध्यक्ष पिपरा व एसओजी ने संयुक्त रूप से घटना की निगरानी कर यूपी-बिहार की सीमा से सुराग लगाने की कोशिश की। लेकिन कुछ भी हाथ नहीं लगा। जांच यहीं तक नहीं थमी। घटना स्थल से प्रयुक्त मोबाइल टावर के लोकेशन की जांच के लिए पुलिस ने बीटीएस का भी सहारा लिया था। कहीं से सुराग नहीं मिलने पर पुलिस शव के पास मिले ताबीज के अंदर कागज पर लिखे दुआ का मुआइना योग्य मोलवियों से कराकर थक गई। इसके बावजूद भी घटना का पर्दाफाश नहीं हो पाई। केस की विवेचना कर रहे तत्कालीन थानाध्यक्ष अनिल कुमार ने इस दोहरे हत्या कांड में एफआर लगाकर अपना जहमत छुड़ा लिया।
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थाने के हिस्ट्रीशीटरों का दर्ज हुआ है बयान
शिनाख्त के लिए रामकोला पुलिस ने थाने के सभी 42 हिस्ट्रीशीटरों को खंगाल चुकी है। यहां तक कि इनमें से मौके पर उपलब्ध दुराचारियों का बयान भी दर्ज कर चुकी है। लेकिन यह सब कुछ पानी पर पीटने के समान रहा।
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हालांकि पुलिस क्षेत्राधिकारी नवीन कुमार का कहना है कि मैं उस ़फाइल को तत्काल दिखवा रहा हूं। यदि विवेचना में लापरवाही हुई होगी तो पुन: फाइल जांच के लिए भेजी जाएगी। विवेचना के सभी ¨बदुओं पर काम होगा।