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क्रशर के जहरीले काले धुएं से लोगों को सांस लेने में हो रही तकलीफ Gorakhpur News

कुशीनगर के कसया क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में क्रशर के जहरीले काले धुएं से लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी हैं। खासकर कोरोना काल में तो यह प्रदूषण और भी घातक सिद्ध हो सकता है। लोगों ने क्रशर के प्रदूषण को नियंत्रित करने की मांग की है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Thu, 17 Dec 2020 06:55 AM (IST)Updated: Thu, 17 Dec 2020 06:55 AM (IST)
क्रशर के जहरीले काले धुएं से लोगों को सांस लेने में हो रही तकलीफ  Gorakhpur News
कुशीनगर स्थित रामाभार पुल के पास क्रशर की चिमनी से निकतला धुआं। जागरण

गोरखपुर, जेएनएन: एक ओर वायुमंडल में निरंतर बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर प्रशासन पराली व कूड़ा जलाने पर रोक के लिए सख्त कदम उठा रहा है। दूसरी तरफ बेरोक-टोक क्रशर उद्योग धुआं उगल पर्यावरण को क्षति पहुंचा रहा है। खासकर कुशीनगर के कसया क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में क्रशर के जहरीले काले धुएं से लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी हैं। खासकर कोरोना काल में तो यह प्रदूषण और भी घातक सिद्ध हो सकता है। लोगों ने प्रशासन से क्रशर के प्रदूषण को नियंत्रित करने की मांग की है। कसया ब्लाक के सिसवा, डुमरी, बनवारी टोला, गुरुमिया, हतवा, खेदनी, रामनगर, सबयां, सिरसिया खोहिया, मधवापुर सहित कई गांव में लगे कई दर्जन क्रशर पर गुड़ बनना शुरू हो गया है। गन्ने के रस को पकाने के लिए क्रशर पर बड़ी-बड़ी भियां बनी हैं। कड़ाह में रस भरकर भठ्ठियों में घंटों उबाला जाता है। भियों में आग के लिए बड़ी मात्रा में सूखी खोई व पराली डाली जाती है। कई क्रशर मालिक तो आग के लिए पुराने टायर, रबड़, प्लास्टिक व पालीथिन तक जला रहे हैं, जिससे जहरीला काला धुआं निकल रहा है। जहरीला धुआं से लोगों के सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। प्रशासन इस गंभीर समस्या से बेखबर बना हुआ है तो क्रशर मालिक कह रहे हैं कि सीजन की शुरुआती दौर में खोई की कमी के कारण प्रतिबंधित चीजें जलाना मजबूरी है।

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धुएं का पड़ रहा बुरा प्रभाव

सिरसिया खोहिया के मधुसूदन यादव ने कहा कि क्रशर की चिमनी से निकलने वाले धुएं का बुरा प्रभाव पड़ रहा है। गिरने वाली राख से खाद्य सामग्री व कपड़े गंदे हो जाते हैं। घर पर खुले में नहीं रहा जा सकता।

सांस लेने में हो रही दिक्‍कत

सबयां के सत्येंद्र मणि त्रिपाठी ने कहा कि क्रशर की भट़ठी में जलाया जा रहा टायर व प्लास्टिक स्वास्थ्य के लिए काफी घातक सिद्ध हो रहा है। सांस लेने में दिक्कत हो रही है।

फैल रहा है प्रदूषण

डुमरी के रामनगीना कुशवाहा ने बताया कि सरकार पराली और कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध लगा रही है तो इन क्रशर वालों पर क्यों नहीं। इनसे भी तो प्रदूषण फैल रहा है।

धुआं स्वास्थ्य के लिए खतरनाक

वरिष्ठ चिकित्सक डा. आरएस यादव ने कहा कि प्रदूषित धुआं स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर डालता है। इससे आंखों में जलन, एलर्जी व सांस लेने में दिक्कत सहित कई बीमारियां हो सकती हैं।

उद्योग धंधों के विरुद्ध होगी कार्रवाई

ज्वाइंट मजिस्ट्रेट पूर्ण बोरा ने कहा कि प्रदूषण फैलाने वाले उद्योग धंधों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए नगरपालिका के ईओ को निर्देशित किया जा चुका है। शीघ्र ही परिणाम सामने आएगा।


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