गोरखपुर की आबोहवा में लगातार बढ़ रहा जहर, 311 के पार हुआ औसत एक्युआई
गोरखपुर की हवा में धूल के कणों की मात्रा बढ़ी हुई है। पीएम 10 के साथ सल्फर डाई आक्साइड नाइट्रोजन डाई आक्साइड की मात्रा भी लगातार बढ़ रही है। तापमान में कमी के चलते हवा से धूल के कणों व हानिकारक गैसों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। लोग दिल्ली व उसके इर्द-गिर्द के क्षेत्रों की एक्युआई को लेकर बहस कर रहे हैं, लेकिन अपने शहर की एक्युआई पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। यहां की हवा भी पूरी तरह से दूषित हो चुकी है। गोरखपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक के स्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। औसत एक्युआई का लेवल 311 पार कर गया है। वायु प्रदूषण लगातार बढ़ने से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
हवा में धूल के कणों की मात्रा बढ़ी
हवा में धूल के कणों की मात्रा बढ़ी हुई है। पीएम 10 के साथ सल्फर डाई आक्साइड, नाइट्रोजन डाई आक्साइड की मात्रा भी लगातार बढ़ रही है। तापमान में कमी व वातावरण में नमी के चलते हवा से धूल के कणों व हानिकारक गैसों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। स्थिति यह रही कि गुरुवार को शहर का एक्युआई 302 रहा। सुबह का न्यूनतम तापमान अपने औसत से 0.3 डिग्री सेल्सियस कम रहा।
इसके चलते भी दिख रहा अधिक एक्युआई
एयर क्वालिटी इंडेक्स के लिए प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा एमएमएमयूटी के पास एयर क्वालिटी की मानीटरिंग की जाती है। इस समय एमएमएमयूटी में कई भवनों का निर्माण किया जा रहा है। एयर क्वालिटी मानीटर रीडिंग लेते समय डस्ट भी एबजार्व कर ले रहा है। इससे भी एयर क्वालिटी इंडेक्स में वृद्धि देखने को मिल रही है।
जानिए किस दिन कितनी रही एक्युआई
तिथि एक्युआई
1 नवंबर 255
2 नवंबर 261
3 नवंबर 254
4 नवंबर 298
5 नवंबर 372
6 नवंबर 386
7 नवंबर 347
8 नवंबर 345
9 नवंबर 393
10 नवंबर 346
11 नवंबर 271
12 नवंबर 260
13 नवंबर 297
14 नवंबर 295
15 नवंबर 302
17 नवंबर 296
जानिए कब-कब और कैसे बदला एक्युआई
एक से तीन नवंबर तक एक्युआई 250 के लगभग था। बीते चार नवंबर को दीपावली थी। 10 नवंबर को छठ पूजा का आयोजन था। क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड पंकज कुमार कहते हैं कि बढ़ते प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने सर्वे किया तो पाया कि छठ के एक दिन पूर्व भी लोगों ने बड़े पैमाने पर आतिशबाजी की। इसके चलते एक्यूआई 393 पर पहुंच गया। इस समय शहर में कई स्थानों पर तेजी से निर्माण कार्य चल रहा है। एम्स से लेकर इंजीनियरिंग कालेज के पास सड़क के एक साइड में निर्माण कार्य चल रहा है। इसके चलते सड़क के दूसरी तरफ ट्रैफिक बढ़ी हुई है। निर्माण कार्य कर ट्रैफिक के दबाव के चलते भी प्रदूषण में वृद्धि हुई है।
दिल्ली ही नहीं गोरखपुर की भी हवा हो रही खराब
मौसम व पर्यावरण विशेषज्ञ कैलाश पाण्डेय का कहना है सिर्फ दिल्ली ही नहीं गोरखपुर की भी हवा चिंतनीय है। लोगों पर्यावरण के प्रति सजगता अपनानी होगी। वाहनों का अधिक से प्रयोग करने, चिमनियों के धुएं, भवनों के मलबे से हवा अशुद्ध हुई है। ऐसे में लोगों को पर्यावरण संरक्षण पर अधिक ध्यान होना होगा। वाहनों का कम से कम प्रयोग करना होगा। बिजली की बचत करनी होगी। इससे वायु शुद्धता सूचकांक के स्तर में कमी लायी जा सकती है।