प्रधानमंत्री मोदी गोरखपुर में आज करेंगे 750 बेड के एम्स का उद्घाटन, पूर्वांचल में बदल जाएगी स्वास्थ्य सेवा की दशा
PM Modi Gorakhpur visit today पीएम नरेन्द्र मोदी मंगलवार को पूर्वांचल नेपाल और बिहार PM Modi to visit Gorakhpur today लाखों की आबादी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की सौगात देंगे। मोदी यहां 750 बेड का के अस्पताल का उद्घाटन करेंगे। पहले चरण में 300 बेड का अस्पताल संचालित होगा।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। PM Modi Gorakhpur visit today: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंगलवार को पूर्वांचल, नेपाल और बिहार लाखों की आबादी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान की सौगात देंगे। 750 बेड का यह अस्पताल उद्घाटन के लिए है। सोमवार की देर शाम तक एम्स प्रशासन परिसर की साफ-सफाई के साथ शिलान्यास व उद्घाटन के लिए शिलापट लगाने की तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटा रहा। पहले चरण में एम्स में 300 बेड का अस्पताल व 14 आपरेशन थियेटर संचालित होंगे। जनवरी से सभी 750 बेड मरीजों के लिए उपलब्ध करा दिए जाएंगे।
आज से एमआरआइ, सीटी स्कैन, डिजिटल एक्स-रे व अल्ट्रासाउंड जांच शुरू होगी
पूर्वांचल की जनता को जिन बीमारियों के लिए रेफर कर दिया जाता था, अब उनका इलाज एम्स में हो सकेगा। 127 डाक्टरों का चयन हो चुका है। इनमें से 36 ने ज्वाइन कर लिया है। 56 फैकेल्टी पहले से एम्स में मौजूद हैं। अन्य डाक्टरों के ज्वाइन करते ही 75 बेड की इमरजेंसी के साथ दो और आपरेशन थियेटर इसी माह शुरू कर दिए जाएंगे। साथ ही एमआरआइ, सीटी स्कैन, डिजिटल एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड जांच भी शुरू हो जाएगी।
एम्स में होगा उद्घाटन का सजीव प्रसारण
प्रधानमंत्री एम्स का उद्घाटन फर्टिलाइजर परिसर से ही करेंगे। उद्घाटन का सजीव प्रसारण एम्स में किया जाएगा। इस दौरान सभी डाक्टर व कर्मचारी उपस्थित रहेंगे।
एक सुपर स्पेशलिस्ट का हो चुका है चयन
एम्स में जिन 127 डाक्टरों का चयन किया गया है, उसमें हृदय रोग विभाग में प्रोफेसर पद पर एक सुपर स्पेशलिस्ट का भी चयन हुआ है। उन्होंने अभी ज्वाइन नहीं किया है। उनके ज्वाइन करते ही हृदय रोग विभाग में सुपर स्पेशलिटी सेवा शुरू हो जाएगी। इसी माह उनके ज्वाइन करने की उम्मीद है।
इन विभागों का चल रहा ओपीडी
नाक, कान व गला रोग विभाग
मानसिक रोग विभाग
दंत रोग विभाग
बाल रोग विभाग
सीना रोग विभाग
सर्जरी
चर्म रोग विभाग
स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग
शारीरिक चिकित्सा एवं पुनर्वास विभाग
नेत्र रोग विभाग
रेडियोथेरेपी (कैंसर रोग विभाग)
मेडिसिन
फेमिली मेडिसिन
हड्डी रोग विभाग
अस्पताल के साथ ही शुरू होगा 200 बेड का रैन बसेरा
एम्स में 200 बेड का रैन बसेरा बनकर पूरी तरह से तैयार हो गया है। प्रधानमंत्री द्वारा एम्स के उद्घाटन के बाद अस्पताल के साथ ही रैन बसेरा भी शुरू कर दिया जाएगा, ताकि भर्ती मरीजों के तीमारदारों को रहने की दिक्कत न हो। बसेरा निश्शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा।
एम्स- एक नजर
22 जुलाई 2016 को शिलान्यास
24 फरवरी 2019 को ओपीडी का उद्घाटन
112 एकड़ क्षेत्रफल
1011 करोड़ रुपये कुल लागत लगभग
14 जून को अस्पताल शुरू हुआ
25 जून को प्रोस्टेट कैंसर के मरीज की पहली सर्जरी हुई।
125 बेड का अस्पताल वर्तमान में चल रहा है।
700 से अधिक मरीज भर्ती हो चुके हैं।
250 से अधिक मरीजों का हो चुका है आपरेशन
1800-2000 मरीजों की प्रतिदिन ओपीडी
पूर्वांचल, नेपाल व बिहार के मरीजों को मिल रहा लाभ।
निर्माण पूरा होने की अवधि दिसंबर 2020
दिसंबर 2021 में केवल 300 बेड का अस्पताल हो पाया तैयार।
पूर्ण विकसित एम्स के तैयार होने की संभावना आगामी जनवरी में।
प्रधानमंत्री पूरे 750 बेड अस्पताल व एम्स की सभी सुविधाओं का उद्घाटन करेंगे। शुरुआत में 300 बेड अस्पताल व 14 आपरेशन थियेटर मरीजों के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे। आगामी जनवरी से पूर्ण विकसित एम्स मरीजों के लिए उपलब्ध करा दिया जाएगा। -डा. सुरेखा किशोर, कार्यकारी निदेशक, एम्स।
आरएमआरसी की नौ लैब का उद्घाटन भी करेंगे पीएम
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बीआरडी मेडिकल कालेज परिसर स्थित क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र (आरएमआरसी) की नौ लैब से सुसज्जित नव निर्मित पांच मंजिले भवन का मंगलवार को उद्घाटन करेंगे। तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। जीन सिक्वेंसर मशीन का आर्डर दिया जा चुका है। यह मशीन आने के बाद गोरखपुर में जीनोम सिक्वेंसिंग हो सकेगी। अब इसके लिए नमूने दिल्ली या पुणे नहीं भेजने पड़ेंगे। मीडिया प्रभारी डा. अशोक पांडेय ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कोरोना के वैरिएंट का पता लगाने को मरीजों के नमूने लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए दिल्ली व पुणे भेजे गए थे। अब आरएमआरसी के लैब में ही यह जांच हो सकेगी।
बनकर तैयार हैं ये लैब
इम्युनोलाजीः वैक्सीन की प्रतिरोधक क्षमता तथा उसके प्रभाव पर शोध होंगे।
मालीक्यूलर बायोलाजीः जीनोम सिक्वेंसिंग की जा सकेगी।
माइकोलाजीः फंगल की जांच सहित शोध हो सकेगा।
मेडिकल इंटेमोलाजीः डेंगू, चिकनगुनिया, इंसेफ्लाइटिस आदि के वाहक कीटों पर शोध होगा।
नान कम्युनिकेबल डिजीजः मधुमेह व हाइपरटेंशन के कारणों की जांच की जाएगी।
माइक्रोबायोलाजीः वायरस और वैक्टीरिया पर शोध होंगे।
सोशल विहैवियर स्टडीः मानसिक बीमारियों पर शोध किया जाएगा।
हेल्थ कम्युनिकेशनः बीमारियों की रोकथाम के उपायों के प्रचार-प्रसार का प्रमुख जरिया।
इंटरनेशनल हेल्थ पालिसीः इसके जरिए विश्व स्तर की होने वाली बीमारियों के बारे में लोगों को बताया जाएगा।