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PM मोदी ने पूछा था- कैसे हैं भुलई भाई...आप भी जानें- कौन हैं भुलई भाई Gorakhpur News

पीएम मोदी द्वारा फोन पर हालचाल पूछे जाने के बाद चर्चा में आए पूर्व विधायक श्रीनारायण ऊर्फ भुलई भाई अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Thu, 23 Apr 2020 10:06 AM (IST)Updated: Fri, 24 Apr 2020 07:53 AM (IST)
PM मोदी ने पूछा था- कैसे हैं भुलई भाई...आप भी जानें- कौन हैं भुलई भाई Gorakhpur News
PM मोदी ने पूछा था- कैसे हैं भुलई भाई...आप भी जानें- कौन हैं भुलई भाई Gorakhpur News

गोरखपुर, [अजय कुमार शुक्ल]। जीवन की अंतिम बेला में भी राजनीतिक शुचिता को ही अपनी धरोहर के रूप में संजोए 106 वर्षीय पूर्व विधायक श्रीनारायण ऊर्फ भुलई भाई अपनी सादगी के लिए जाने जाते हैं। त्याग, समर्पण व सादगी उनको औरों से अलग खड़ी करती है। उन्होंने जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव  देखे, लेकिन अपने सिद्धांतों और राजनीतिक मूल्यों से कभी समझौता नहीं किया। बात चाहे संगठन के भीतर की रही हो या फिर बाहर की, बेबाकी से बात रखने में कभी नहीं चूके।

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शिक्षा अधिकारी की नौकरी छोड़कर जनसंघ से जुड़े

जनसंघ की जब स्थापना हुई तो उस समय वह एमए के छात्र थे। उसी समय वे इससे जुड़े और जनसंघ के सिद्धांतों की जो चादर ओढ़ी, उसे आज तक नहीं उतारा। एमए, एमएड करने के बाद शिक्षा अधिकारी बने। 1974 में नौकरी छोड़ जनसंघ के समर्पित कार्यकर्ता बन गए। उनकी कर्मठता देख जनसंघ ने उनको चुनाव मैदान में उतारा। उस समय जिला देवरिया था और कुल 13 विधानसभा क्षेत्र थे। नौरंगिया विधानसभा क्षेत्र (वर्तमान में कुशीनगर जनपद का खड्डा विधानसभा क्षेत्र) से जनसंघ के चुनाव चिह्न 'दीया-बाती' पर जीत केवल भुलई भाई को ही मिली।

कांग्रेस प्रत्‍याशी को हराकर बने विधायक

उन्होंने कांग्रेस के बैजनाथ को हराया था। इमरजेंसी के बाद पुन: 1977 में जनसंघ के साथ मिलकर बनी जनता पार्टी से चुनाव मैदान में उतरे और कांग्रेस के बैजनाथ को ही फिर पटखनी दी। इसके बाद जब भाजपा का गठन हुआ तो पार्टी की मूल धारा में आ गए।

दो बार विधायक तक, वाहन तक नहीं खरीद पाए

2002 के विधान सभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में सपा के पूर्णमासी देहाती से हारने के बाद फिर कभी चुनाव नहीं लड़े, लेकिन समर्पित कार्यकर्ता के रूप में पार्टी की सेवा करते आ रहे हैं। दो बार के विधायक रहे भुलई भाई के पास अपनी कोई गाड़ी नहीं है। धोती-कुर्ता के साथ केसरिया गमछा ही उनकी पहचान है।

विधानसभा में भोजपुरी की मिठास का कराया अहसास

चुनाव जीतकर पहली बार सदन पहुंचे तो यहां भी अपनी सादगी की छाप छोड़ी। बोलने का मौका मिला तो भोजपुरी में ही क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्याओं गन्ना, गंडक और बाढ़ को रखा।

पीएम मोदी ने फोन पर पूछा था, कैसे हैं भुलई भाई..

उर्फ भुलई भाई से बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन कर पूछा था कि, कैसे हैं। प्रधानमंत्री के यह शब्द कान में पड़ते ही उनकी आंखें भर आईं और बोले, ठीक हूं। ढाई मिनट की बातचीत में प्रधानमंत्री से मिली आत्मीयता ने उन्हें भाव विभोर कर दिया। बुधवार सुबह 8.34 बजे प्रधानमंत्री के सचिव ने फोन किया तो घर पर पूर्व विधायक के पौत्र कन्हैया ने रिसीव किया। सचिव ने कहा कि श्रीनारायण जी हैं, प्रधानमंत्री जी बात करना चाहते हैं। पौत्र ने फोन दादा को थमा दिया। उधर से प्रधानमंत्री ने पूछा कि श्रीनारायण जी बोल रहे हैं। उत्तर मिलने पर प्रधानमंत्री ने प्रणाम किया और कहा कि आज यूं ही मन किया कि आपसे बात करूं। आपने शताब्दी पूरी कर ली। पूर्व विधायक ने कहा जी, 106 वर्ष का हो गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सोचा देश में चल रहे कोरोना संकट के इस समय में आपका आशीर्वाद ले लूं। इस पर पूर्व विधायक ने कहा, आप यशस्वी हों और स्वस्थ्य रहें, देश की सेवा करते रहें। प्रधानमंत्री ने पूछा कि आपने पांच पीढिय़ां देखी हैं, सब अच्छा चल रहा है न, जवाब मिला- बहुत अच्छा। अंत में प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वस्थ्य रहिए और परिवार के सभी सदस्यों को मेरा प्रणाम कहिएगा। 


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