केंद्रीय खेल मंत्री ने कहा-नशे को ना और खेल को हां कहें खिलाड़ी
भारत को खेल की दुनिया में शक्ति के रूप में स्थापित करने की कवायद शुरू की गई है। खेल महाकुंभ में 35417 खिलाड़ियों ने भाग लिया है। इनमें 11817 बालिकाएं शामिल हैं। बेटियां भी खेल में भाग लेकर अपनी प्रतिभा को दिखा रही हैं। खेल में भाग लेना महत्वपूर्ण नहीं हैं इसमें भागेदारी जरूरी है।
सिद्धार्थनगर : केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को स्टेडियम में सांसद खेल महाकुंभ के समापन समारोह में वर्चुअल कहा कि युवा खिलाड़ी नशे को न और खेल को हां कहें। हमें नशे से दूर रहना है, इसे दूर-दूर तक अपने इलाके में पनपने नहीं देना है। युवाओं को नया नारा देते हुए कहा-फिटनेस का डोज, आधा घंटा रोज।
भारत को खेल की दुनिया में शक्ति के रूप में स्थापित करने की कवायद शुरू की गई है। खेल महाकुंभ में 35417 खिलाड़ियों ने भाग लिया है। इनमें 11817 बालिकाएं शामिल हैं। बेटियां भी खेल में भाग लेकर अपनी प्रतिभा को दिखा रही हैं। खेल में भाग लेना महत्वपूर्ण नहीं हैं, इसमें भागेदारी जरूरी है। भविष्य में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विधायक भी इस प्रकार के खेल का आयोजन कराएंगे। फाइनल में पहुंचने वाली टीम व खिलाड़ियों को प्रदेश स्तर साई के प्रशिक्षकों का कैंप लगवाया जाएगा। इससे खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। इनमें से जो बेहतर खिलाड़ी मिलेंगे उन्हें स्टेट फेडरेशन को गोद देंगे कि इन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जा सके। केंद्रीय खेल मंत्री ने खिलाड़ियों का उत्साहवर्द्धन करते हुए कहा कि खेल महाकुंभ से सिद्धार्थनगर के प्रतिभावान खिलाड़ियों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। खिलाड़ी के लिए आवश्यक है कि वह खेल में रुचि रखें। फिटनेस का विशेष ध्यान देना होगा। फिट इंडिया के स्लोगन का जीवन में अनुपालन करना होगा। योग, खेलकूद कुछ भी करें, लेकिन इसे दिनचर्या में शामिल करें। बहुत ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्हें गांव व मोहल्ला तक ही खेलने का मौका मिल पाया है, जबकि इनमें अपार संभावनाएं रही। रवि दहिया और विजय पुनिया यह वो खिलाड़ी हैं, जिन्होंने देश-दुनिया में भारत का नाम रोशन किया है। स्वभाव से शर्मीले हैं, लेकिन जब यह कुश्ती के मैट पर उतरते हैं तो विरोधी को घुटने टेकने पर मजबूर कर देते हैं। इनके सिद्धार्थनगर जाने से वहां के खिलाड़ियों को बल मिलेगा। मोदी सरकार की उपलब्धियों को देश के प्रत्येक क्षेत्र में पहुंचाने का काम किया जा रहा है। बालिकाओं का खेल के प्रति जागरूक होने से पता चलता हैं कि यह अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी लवलीना, पीवी सिधु आदि से प्रेरणा ले रही हैं। रन फार यूनिटी में छह हजार बालिका व नौ हजार बालकों ने भाग लिया।