केजीएमयू की निगरानी में शुरू होगी बीआरडी में प्लाज्मा थेरेपी Gorakhpur News
शासन ने केजीएमयू को मेडिकल कॉलेज का नोडल सेंटर बनाया है। उसी की गाइड लाइन पर मरीजों को थेरेपी दी जाएगी। केजीएमयू इसका डेटाबेस भी तैयार करेगा। प्रदेश में सबसे पहले प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत केजीएमयू में ही हुई थी।
गोरखपुर, जेएनएन। काफी दिन से तैयारी के बाद भी बाबा राघव दास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज में अभी तक प्लाज्मा थेरेपी शुरू नहीं हो पाई है। जबकि चार यूनिट प्लाज्मा कॉलेज को मिल चुका है। किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू), लखनऊ की निगरानी में अब इसे शुरू किया जाएगा। वहां से मिले निर्देशों के अनुसार मरीजों को प्लाज्मा चढ़ाया जाएगा। इसके लिए उस व्यक्ति की जरूरत है जो संक्रमित ठीक होने के 28 दिन बाद अपना प्लाज्मा दे सकता है।
केजीएमयू तैयार करेगा डेटाबेस
शासन ने केजीएमयू को मेडिकल कॉलेज का नोडल सेंटर बनाया है। उसी की गाइड लाइन पर मरीजों को थेरेपी दी जाएगी। केजीएमयू इसका डेटाबेस भी तैयार करेगा। प्रदेश में सबसे पहले प्लाज्मा थेरेपी की शुरुआत केजीएमयू में ही हुई थी।
ण्क माह पहले शुरू करने को मिला था निर्देश
बीआरडी मेडिकल कॉलेज को करीब एक माह पहले प्लाज्मा थेरेपी शुरू करने का निर्देश शासन ने दिया था। प्लाज्मा निकालने के लिए कॉलेज प्रशासन ने एफरेसिस मशीन की मांग की थी। मशीन अभी तक नहीं मिल पाई है। लेकिन प्लाज्मा निकालने के लिए फातिमा अस्पताल को तैयार किया गया है। जो संक्रमित ठीक होने के 28 दिन बाद अपना प्लाज्मा दान करना चाहते हैं, उन्हें फातिमा जाना होगा। चार यूनिट प्लाज्मा मिल जाने के बाद थेरेपी शुरू करने की तैयारी चल रही थी।
आइसीएमआर व एम्स ने खड़ा कर दिया था सवाल
इसी बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) व एम्स ने इस थेरेपी पर सवाल खड़ा दिया। इसके बाद कॉलेज प्रशासन ने इसे शुरू नहीं किया। केजीएमयू में यह थेरेपी सफल हुई तो मेडिकल कॉलेज में भी शुरू करने का निर्णय लिया गया है। मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. महिम मित्तल ने बताया कि शासन के निर्देशों का पूरा पालन किया जाएगा। कुछ प्लाज्मा बीआरडी को मिले भी हैं। इससे गोरखपुर और अगल-बगल के जिलों के लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी। समस्या का समाधान भी होगा।