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कुशीनगर में 50 मीटर धंस गया पिचिंग, मंडरा रहा अमवाखास बांध पर खतरा

कुशीनगर में सुबह चार बजे अमवाखास बांध के किमी 800 से किमी 8.600 तक लक्ष्मीपुर गांव के समीप नारायणी ने खतरनाक रुख अपना लिया। बोल्डर से कराए गए पिचिंग के स्लोप का 10 मीटर चौड़ा व 50 मीटर लंबा हिस्सा नदी में धंस गया।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Fri, 06 Aug 2021 05:09 PM (IST)Updated: Fri, 06 Aug 2021 05:09 PM (IST)
कुशीनगर में 50 मीटर धंस गया पिचिंग, मंडरा रहा अमवाखास बांध पर खतरा
अमवाखास बांध के लक्ष्मीपुर में चल रहा बचाव कार्य। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : कुशीनगर जिले में सुबह चार बजे अमवाखास बांध के किमी 800 से किमी 8.600 तक लक्ष्मीपुर गांव के समीप नारायणी ने खतरनाक रुख अख्तियार किया। मेन बांध को बचाने के लिए बोल्डर से कराए गए पिचिंग के स्लोप का 10 मीटर चौड़ा व 50 मीटर लंबा हिस्सा नदी के दबाव के चलते धंस गया। विभाग द्वारा आनन-फानन मिट्टी से भरी बोरियों को जाली में बांध बेस बनाकर बोल्डर डालते हुए बचाव शुरू किया गया। इसी जगह पर बीते वर्ष 60 करोड़ की लागत से विभाग ने छह परियोजनाओं पर कार्य किया था। इस वर्ष भी किमी 8.600 पर 9 करोड़ 30 लाख की परियोजना के तहत कार्य हुआ है।

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कार्य मानकिविहीन होने चलते आई ये नौबत

ग्रामीणों का कहना है कि कार्य मानक विहीन होने के चलते यह नौबत आई है। यहां कटान और तेज हुई तो मेन बांध को टूटने से कोई रोका नही जा सकता। ऐसे में बांध किनारे बसे लक्ष्मीपुर, भवानीपुर, धनुख टोली, दरोगाडीह, बकुलहवा, चौबेया पटखौली, रामपुरपट्टी सहित सेवरही मिल तक नदी तबाही मचा देगी। इसको लेकर ग्रामीणों के माथे पर चिंता की लकीरें देखने को मिल रही हैं। बाढ़ खंड के अधिशासी अभियंता महेश कुमार सिंह ने बताया कि नदी में पानी का डिस्चार्ज कम होने के चलते कटान तेज है, इसको रोकने के लिए युद्ध स्तर पर कार्य कराया जा रहा है। बांध को फिलहाल कोई खतरा नहीं है ।

तेजी से हो रही कटे एप्रन की मरम्मत

सुबह छह बजे एपी बांध के किमी 12.500 बाघाचौर के समीप बोल्डर व जाली से बना 20 मीटर लंबा व छह मीटर चौड़ा एप्रन नदी में लांच कर गया। विभाग तेज गति से एप्रन की मरम्मत में जुटा रहा। बांध के किमी 17 अहिरौलीदान के कचहरी टोला, किमी 12.500 से किमी 13.500 बाघाचौर नोनिया पट्टी के सामने, नरवाजोत विस्तार बांध, अमवाखास बांध के किमी 7.500 से किमी 8.600 व लक्ष्मीपुर में दबाव पूर्व की तरह बना हुआ है। कचहरी टोला, नरवाजोत-पिपराघाट बांध के किमी 950 से किमी 1.1450 पर बचाव कार्य चल रहा है। वाल्मीकि नगर बैराज से पानी का डिस्चार्ज 1.24 लाख क्यूसेक रहा। पिपराघाट में लगे गेज पर जलस्तर खतरा के निशान 76.20 मीटर से 1.25 मीटर नीचे 74.95 मीटर पर स्थिर है।


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