पैसेंजर ट्रेन नहीं चलने से लोगों को हो रही परेशानी Gorakhpur News
दादर कृषक व चौरीचौरा के अलावा अन्य कोई ट्रेन संचालित न होने से रेलवे की आमदनी भी आधे से कम हो गई है। दैनिक यात्रियों को सड़क मार्ग का सहारा है। साधन के अभाव में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।
गोरखपुर, जेएनएन: वाराणसी-भटनी रेल खंड पर सवारी गाड़ी व अन्य ट्रेनों का संचालन नहीं होने से दैनिक यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। दादर, कृषक व चौरीचौरा के अलावा अन्य कोई ट्रेन संचालित न होने से रेलवे की आमदनी भी आधे से कम हो गई है। दैनिक यात्रियों को सड़क मार्ग का सहारा है। साधन के अभाव में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। लाररोड व सलेमपुर से करीब तीन हजार से अधिक यात्री प्रतिदिन बेल्थरा रोड, मऊ, वाराणसी, भटनी, देवरिया व गोरखपुर के लिए आते जाते हैं, जिसमें सरकारी सेवा के अलावा मजदूर, अधिवक्ता व शिक्षक आदि शामिल हैं। कोरोना संक्रमण के चलते ट्रेनों का संचालन 23 मार्च से बंद है। वर्तमान में दादर, कृषक व चौरीचौरा ट्रेनें संचालित हैं। लिच्छवी ट्रेन भी कुछ दिन चली। रेलवे ने उसे बंद कर दिया है।
सड़क मार्ग से यात्रा में हो रही कठिनाई
कुंडौली के मुन्ना ने कहा कि सवारी गाड़ियों का संचालन बंद है। कृषक, दादर व चौरीचौरा ट्रेनों से यात्रा के लिए साधारण टिकट नहीं मिल रहा है। सड़क मार्ग से यात्रा में कठिनाइयां आ रही है।
तीन सौ की जगह तीन हजार रुपये खर्च कर करना पड़ रहा है सफर
अधिवक्ता दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि स्टेशन के करीब घर होने के चलते ट्रेन से यात्रा आसान रहती थी। मासिक टिकट बनवाकर तीन सौ रुपये में एक माह यात्रा कर लेते थे। अब तीन हजार रुपये प्रतिमाह बस का भाड़ा देना पड़ रहा है।
ट्रेन से यात्रा करना ही भूल गए
विशुनपुरा के बाल मुकुंद मिश्र ने बताया कि अब ट्रेन से यात्रा करना ही भूल गए। ट्रेनों से टिकट न मिलने से यात्रा करना संभव नहीं रहता। बस या निजी वाहन ही सहारा है।
कोहरे से बस व आटो से यात्रा खतरे से खाली नहीं
धरमेर के अनिल कुमार ने बताया कि ट्रेन की सुविधा न होने से धन के साथ समय भी बर्बाद हो रहा है। कोहरे में बस या आटो से यात्रा करना खतरे से खाली नहीं है।
यात्रियों की संख्या हुई काफी कम
सलेमपुर के स्टेशन अधीक्षक अनिल कुमार यादव ने कहा कि ट्रेनों की संख्या कम होने से रेलवे की आय पर काफी असर पड़ा है। यात्रियों की संख्या काफी कम हो गई है। कोरोना के पूर्व जो आय थी वह आए घट कर आधे से कम है। विभाग के नियमों के तहत कार्य किया जा रहा है। रेल टिकट के लिए एक दिन पहले यात्रियों को टिकट लेना होगा।