जलभराव के कारण आक्रोशित हुए लोग, सड़क पर उतरकर जाम लगाने की कोशिश
दो महीने से जलभराव झेल रहे खाले टोला के नागरिक दोपहर में देवरिया रोड स्थित कलावती चौराहे पर पहुंच गए। नागरिकों ने नारेबाजी करते हुए सड़क जाम करने की कोशिश की। पुलिस से भी नोकझोंक हुई। बाद में पुलिस ने नागरिकों को खदेड़ा।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : दो महीने से जलभराव झेल रहे खाले टोला के नागरिक दोपहर में देवरिया रोड स्थित कलावती चौराहे पर पहुंच गए। नागरिकों ने नारेबाजी करते हुए सड़क जाम करने की कोशिश की। पुलिस से भी नोकझोंक हुई। बाद में पुलिस ने नागरिकों को खदेड़ा। आरोप है कि पुलिसकर्मियों ने कुछ नागरिकों की पिटाई भी की। रानीडीहा से खोराबार के बीच स्थित खाले टोला, कृष्णानगर, विद्यानगर, प्रेमनगर, आरके पुरम, नारायणपुरम भाग तीन आदि मोहल्लों में दो महीने से जलभराव है। नागरिकों का आरोप है कि नगर निगम की टीम खाले टोला की सुधि नहीं ले रही है। बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। नगर आयुक्त अविनाश सिंह ने खोराबार थाना से खाले टोला तक कच्चा नाला खोदकर पानी निकालने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हुआ है।
खोराबार में चला अभियान
नगर निगम की टीम ने खोराबार में जलनिकासी के लिए कच्चा नाला खोदने का अभियान भी जारी रखा। नागरिकों की दिक्कतों को देखते हुए खिरवनिया झरवा में दो पंपिंग सेट लगाए गए। जलभराव दूर करने के लिए पंपिंग सेट लगातार चलाते रहने के निर्देश दिए गए हैं।
गोरक्षनगर की दुश्वारी नहीं हो रही दूर
सिंघड़ियां इलाके के गोरक्षनगर में जलभराव से नागरिक परेशान हैं। आरोप है कि अफसरों से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कालोनी की सड़कों पर लगातार पानी बहने के कारण आवागमन में नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
सीमेंट की गुणवत्ता के लिए हर स्तर पर मानिटङ्क्षरग जरूरी
दिग्विजयनाथ पीजी कालेज में चल रही महंत दिग्विजयनाथ स्मृति व्याख्यानमाला के तीसरे दिन रसायनशास्त्र विभाग द्वारा आयोजित आनलाइन व्याख्यान में बतौर मुख्य वक्ता एक कंपनी के प्रबंधक निदेशक मनीष कुच्या ने इंट्रोडक्शन टू सीमेंट मैन्यूफैक्चरिंग विषय पर अपने विचार रखे। उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्तर पर क्वालिटी कंट्रोल करने की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कितने प्रकार की सीमेंट बनती है, उसका कहां पर उपयोग है, बाजार में साधारण उपयोग की सीमेंट में किस रंग का सीमेंट अच्छा होगा, कंक्रीट में सीमेंट का क्या और कितना उपयोग है, इसे विस्तार से समझाया। स्वागत डा. शशिप्रभा सिंह ने तथा धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय की प्राचार्य डा. वीणा गोपाल मिश्रा ने किया। संचालन डा. मनीष श्रीवास्तव ने किया। व्याख्यानमाला से डा. सत्यपाल सिंह, डा. विवेक शाही, डा. प्रतिमा सिंह, डा. राजेश सिंह, डा. धर्मचंद्र विश्वकर्मा आदि जुड़े।