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कर्ज लेकर किसानों का बकाया भुगतान करेंगी चीनी मिलें

गन्ना किसानों का बकाया भुगतान शीघ्र होने वाला है। सरकार ने दो चीनी मिलों को कर्ज देकर भुगतान का निर्देश दिया है। एक मिल डिफाल्टर घोषित है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 05 Dec 2018 05:31 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 05:31 PM (IST)
कर्ज लेकर किसानों का बकाया भुगतान करेंगी चीनी मिलें
कर्ज लेकर किसानों का बकाया भुगतान करेंगी चीनी मिलें

गोरखपुर, जेएनएन। पुराने गन्ना मूल्य भुगतान को लेकर भटकने वाले किसानों के लिए राहत भरी खबर है। चीनी मिलें सरकार से कर्ज लेकर किसानों के बकाए का भुगतान करेंगी। सरकार ने मिलों को साफ्ट लोन दे दी है।

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साफ्ट लोन लेने वाली मिलों को पाच फीसद की दर से ब्याज देना होगा, तो पाच वर्ष में सरकार को धनराशि वापस करनी होगी। इसमें सेवरही मिल को 61 करोड़ 26 लाख रुपये व रामकोला चीनी मिल को 52 करोड़ 57 हजार रुपये की धनराशि कर्ज के रूप में मिली है। संभावना है कि अगले चौबीस घटे के अंदर यह धनराशि मिलों को उपलब्ध हो जाएगी। बैंक से डिफाल्टर घोषित कप्तानगंज चीनी मिल इससे बाहर है, दो महीना पूर्व आवेदन करने वाली खड्डा चीनी मिल बाद में कर्ज लेने से पीछे हट गई। ढाढा चीनी मिल पूर्व में ही किसानों को भुगतान कर चुकी है। इस प्रकार जनपद की दो चीनी मिलें ही कर्ज लेकर किसानों का भुगतान करेंगी।

यह है चीनी मिलों पर पुराना बकाया

नवंबर 2017 में चालू हुई कुशीनगर की चीनी मिलों ने 109837.61 लाख रुपये मूल्य की गन्ने की पेराई की थी। इसके सापेक्ष मिलों ने 87 फीसद ही गन्ना किसानों को भुगतान किया है। खड्डा चीनी मिल ने 8027.20 लाख रुपये, रामकोला ने 31644.50 लाख रुपये, कप्तानगंज ने 16808.67 लाख रुपये, सेवरही 24177.24 लाख रुपये, ढाढा 29180.00 लाख रुपये की गन्ने की पेराई की थी। लेकिन सात महीने बाद भी किसानों का 13 फीसद मिलों पर बकाया है।

साफ्ट लोन की यह है प्रक्रिया

सरकार ने उन्हीं चीनी मिलों का कर्ज स्वीकृत किया है, जो बैंक द्वारा डिफाल्टर नहीं घोषित थे। इसके लिए जिला गन्ना विभाग के माध्यम से आवेदन गन्ना आयुक्त को भेजा गया, जहा पत्रावली का परीक्षण कर धनराशि की मंजूरी दी गई।

दो चीनी मिलों को मिला कर्ज: डीसीओ

जिला गन्ना अधिकारी वेद प्रकाश सिंह ने कहा कि चीनी उद्योग को संकट से उबारने के लिए सरकार के इस निर्णय का लाभ दो मिलों को मिला है, जो शीघ्र ही किसानों के बकाए का भुगतान कर देंगी। किसानों को कोई परेशानी न हो, इसके लिए साफ्ट लोन की व्यवस्था सरकार ने की है। इस पर मिलों को पाच फीसद की दर से ब्याज देना है। मिलें कर्ज की धनराशि पाच वर्ष के अंदर जमा करेंगी। इससे तत्काल किसानों को पिछले गन्ना मूल्य भुगतान होगा।


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