Coronavirus: गलत पता व मोबाइल नंबर देने से मरीजों को नहीं मिल पा रही सहायता Gorakhpur News
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने जनपदवासियों से अपील की है कि वह कोरोना जांच का सैंपल देने से पहले पंजीकरण कराते समय सही सूचना ही दर्ज कराएं। पता पूरा दर्ज कराएं और मोबाइल नंबर भी सक्रिय होना चाहिए।
गोरखपुर, जेएनएन। 64 वर्षीय एक व्यक्ति ने कोरोना जांच के दौरान अपना पता बुद्ध विहार, तारामंडल दर्ज कराया था। उनके मोबाइल नंबर पर फोन करने पर पता चला कि वह उपयोग में नहीं है। पॉजिटिव आने पर रैपिड रेस्पांस टीम (आरआरटी) ने उन्हें खोजने का बहुत प्रयास किया, लेकिन नहीं मिले। इसलिए उन तक सहायता नहीं पहुंच सकी। ऐसे कई मामले हैं। जिनके पास न तो टीम जा सकी और न ही दवाएं पहुंचाई जा सकीं।
सैंपल देने से पहले सही सूचना दर्ज कराना जरूरी
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. श्रीकांत तिवारी ने जनपदवासियों से अपील की है कि वह कोरोना जांच का सैंपल देने से पहले पंजीकरण कराते समय सही सूचना ही दर्ज कराएं। पता पूरा दर्ज कराएं और मोबाइल नंबर भी सक्रिय होना चाहिए। ऐसा न करने वाले लोग अगर कोरोना पॉजीटिव निकलते हैं और गृह उपचाराधीन रहते हैं और तो रैपिड रेस्पांस टीम के जरिये उन्हें चिकित्सकीय सहायता देने में दिक्कत आएगी। जिले में बड़ी संख्या में ऐसे कोरोना उपचाराधीन हैं जिन्होंने सही पता नहीं दिया है। जब आरआरटी संपर्क करती है तो उनका मोबाइल नंबर भी उपयोग में नहीं बताता है। यह स्थिति चिंताजनक है। सैंपलिंग के स्तर पर भी सतर्कता बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अक्रियाशील नंबर पंजीकरण के स्तर पर भी चिह्नित किए जा सकें। फिर भी अगर पॉजिटिव आने के बाद किसी का मोबाइल नॉट रिचेबल हो जाएगा और पता भी गलत दर्ज रहेगा तो सहयोग करने में दिक्कत आएगी।
मोबाइल ऑन रखें
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि जो मोबाइल नंबर पंजीकरण के समय लोग दर्ज करवाते हैं, कोरोना पॉजिटिव होने के बाद उसे ऑन रखें ताकि हरसंभव मदद की जा सके। ढेर सारे ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने शहरी स्वास्थ्य केंद्रों पर जांच करवा कर गलत पता दे दिया है। ऐसे लोगों तक सहायता नहीं पहुंच पा रही है। अगर कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं तो दफ्तर का पता दर्ज करवाने की बजाय उस स्थान का पूरा पता सही नंबर के साथ दर्ज करवाएं, जहां रहते हैं।