इस अस्पताल में नहीं मिल पा रहा मरीजों को इलाज, जानिए क्या है कारण
एयरफोर्स के पास सौ बेड के टीबी अस्पताल में ओपीडी तो शुरू हो गई है लेकिन डाक्टरों की कमी से मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ रहा है। मेडिसिन और सीना रोग विशेषज्ञ न होने से मरीजों को परेशानी हुई।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता : एयरफोर्स के पास सौ बेड के टीबी अस्पताल में ओपीडी तो शुरू हो गई है, लेकिन डाक्टरों की कमी से मरीजों को बिना इलाज लौटना पड़ रहा है। मेडिसिन और सीना रोग विशेषज्ञ न होने से मरीजों को परेशानी हुई। बच्चों के डाक्टर की यहां अब तक तैनाती नहीं हुई है। टीबी रोग सह सामान्य चिकित्सालय नाम से खुले अस्पताल में कोरोना की पहली व दूसरी लहर में संक्रमित मरीजों को भर्ती किया जाता था। शासन के निर्देश पर इसे कोविड लेवल टू अस्पताल बनाया गया था। संक्रमण कम होने के बाद शासन के निर्देश पर ओपीडी की सुविधा शुरू की गई है। हालांकि अभी मरीजों को भर्ती करने के लिए शासन स्तर से कोई निर्देश नहीं मिला है।
सिर्फ 12 मरीजों को मिला परामर्श
शनिवार को टीबी अस्पताल की ओपीडी में 30 से ज्यादा मरीज आए, लेकिन विशेषज्ञों की कमी के कारण सिर्फ 12 को ही परामर्श दिया जा सका। बाकी मरीजों को जिला अस्पताल जाने की सलाह दी गई।
इन विभागों को मिली है अनुमति
सर्जरी, मेडिसिन, स्त्री एवं प्रसूति रोग, नेत्र, टीबी एवं चेस्ट, नाक कान व गला, चर्म रोग, हड्डी रोग, बाल रोग, हृदय, एनेस्थीसिया और पैथोलाजी।
अभी यह विभाग हैं संचालित
सर्जरी, मेडिसिन, स्त्री एवं प्रसूति, नेत्र और टीबी एवं चेस्ट।
तीन दिन में शुरू हो जाएगा आक्सीजन प्लांट
टीबी अस्पताल में आक्सीजन प्लांट की स्थापना हो गई है। दावा है कि तीन दिन में प्लांट से आक्सीजन का उत्पादन शुरू कर दिया जाएगा। इससे टीबी अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों के लिए आक्सीजन बाहर से नहीं मंगानी पड़ेगी।
गंदगी का है अंबार
टीबी अस्पताल परिसर में झाड़ियां बढ़ गई हैं। यहां आए दिन सांप भी दिख रहे हैं। परिसर में गंदगी भी कई जगह पड़ी है। ओपीडी के सामने भी गंदगी है।
टीबी अस्पताल में शुरू कर दी गई है ओपीडी
सीएमओ डा. सुधाकर पांडेय ने कहा कि टीबी अस्पताल में ओपीडी शुरू कर दी गई है। अच्छे डाक्टरों की तैनाती है। ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़ने के साथ ही व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाएगा।