आयुष्मान भारत योजना, देवरिया में ढूंढे नहीं मिल रहे मरीज
देवरिया में 1.38 हजार गरीबों में मात्र नौ लोगों को आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभ मिल रहा है। इसको लेकर प्रशासन परेशान है।
By Edited By: Published: Thu, 25 Oct 2018 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 25 Oct 2018 09:45 AM (IST)
गोरखपुर (जेएनएन)। देश में एक साथ आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ 23 सितंबर को भव्य आयोजन के बीच हुआ। गरीबों के इलाज के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई इस योजना का लाभ अभी ठीक से मरीजों को नहीं मिल पा रहा है। हालांकि प्रशासनिक दबाव के कारण महकमे के अधिकारी भी इस योजना का लाभ अधिक से अधिक गरीबों को देने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन सेक डाटा में जिन मरीजों के नाम है उनका ही गोल्डेन कार्ड बन पा रहा है। तमाम ऐसे परिवार हैं जो गरीब हैं उनके पास गरीबी रेखा का कार्ड भी है पर सेक डाटा की सूची में नाम नहीं होने से वह इस सुविधा का लाभ उठाने से वंचित हैं।
ऐसे में देवरिया जनपद में 1.38 लाख परिवारों को इस योजना से लाभान्वित करना है, जिसमें अब तक मात्र नौ मरीजों को लाभान्वित किया गया है, यह सबसे बड़ा सवाल है। इन्हें ही मिलेगा लाभ इस योजना का लाभ उन्हीं पात्रों को मिलना है जिनका नाम वर्ष 2011 में सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े सर्वे के आधार पर तैयार सूची से बनाई गई सेक डाटा सूची में है। योजना का लाभ देने के लिए जनपद में जिला अस्पताल व महिला अस्पताल के अलावा पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व छह निजी चिकित्सालयों में मरीजों को इलाज की सुविधा दी गई।
हैरत की बात यह है कि एक माह गुजरने के बाद भी मात्र नौ मरीज इलाज के लिए भर्ती किए गए हैं, उधर शासन से इस योजना के तहत अधिक से अधिक गरीबों को लाभान्वित करने का दबाव है, जिसे लेकर विभागीय अधिकारी पशोपेश में हैं। खास बात यह है कि जिला अस्पताल में दवा, इलाज एवं अन्य सभी सुविधाएं एक रुपये की पर्ची पर मुहैया हैं तो मरीज भी चालाकी दिखा रहे हैं। वह अपने गोल्डेन कार्ड से आयुष्मान भारत योजना की धनराशि को खर्च करने से बच रहे हैं। ऐसे में विभाग की मुश्किलें बढ़नी तय है। अब तक भर्ती हुए मात्र नौ मरीज कई अस्पतालों में नहीं खुला खाता आयुष्मान भारत योजना के तहत जनपद में इलाज के लिए अलग-अलग बीमारियों के अलग अलग अस्पतालों का चयन किया गया है। जिसमें जिला चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय के अलावा सरकारी अस्पताल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को शामिल किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में रुद्रपुर, सलेमपुर, गौरीबाजार, देसही देवरिया व पथरदेवा का नाम शामिल है। इसके अलावा प्राइवेट चिकित्सालयों में सावित्री नर्सिंग होम, आबिदा आंख का अस्पताल न्यू कालोनी देवरिया, बाबा राघव दास अस्पताल राघवनगर, आशुतोष अस्पताल रुद्रपुर, आरके अस्पताल रुद्रपुर, सेवाश्रम अस्पताल रुद्रपुर का चयन किया गया है, जिसमें जिला चिकित्सालय, सावित्री नर्सिंग होम व आशुतोष अस्पताल रुद्रपुर में योजना के तहत मरीज भर्ती किए गए हैं।
इसके अलावा कई अस्पतालों में मरीजों के भर्ती व इलाज का खाता भी नहीं खुल पाया है। जिनका नाम सूची में, वही हैं हकदार देवरिया के एसीएमओ डा.एसएन सिंह का कहना है कि जनपद में आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.38 लाख उन परिवारों को लाभान्वित करना है, जो वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक व जातीय जनगणना के आधार पर सेक डाटा के तहत गरीबी रेखा की श्रेणी में हैं। जिनका नाम सूची में हैं वही इस योजना के हकदार हैं। यह योजना वास्तव में गरीबों के लिए वरदान है। सेक डाटा में काफी अनियमितता है, जिससे कार्य करने में काफी परेशानी हो रही है। फिर भी जिला अस्पताल से लेकर चारों तरफ से हम लोग प्रयास कर रहें हैं कि पात्रों को योजना का सर्वाधिक लाभ मिले। हर रोज 100 से अधिक बीपीएल कार्ड धारकों को चेक कराया जा रहा है, जिसमें दो से तीन पात्र निकल रहे हैं। अभी तक नौ मरीजों का योजना के तहत इलाज किया गया है।
ऐसे में देवरिया जनपद में 1.38 लाख परिवारों को इस योजना से लाभान्वित करना है, जिसमें अब तक मात्र नौ मरीजों को लाभान्वित किया गया है, यह सबसे बड़ा सवाल है। इन्हें ही मिलेगा लाभ इस योजना का लाभ उन्हीं पात्रों को मिलना है जिनका नाम वर्ष 2011 में सामाजिक व आर्थिक रूप से पिछड़े सर्वे के आधार पर तैयार सूची से बनाई गई सेक डाटा सूची में है। योजना का लाभ देने के लिए जनपद में जिला अस्पताल व महिला अस्पताल के अलावा पांच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों व छह निजी चिकित्सालयों में मरीजों को इलाज की सुविधा दी गई।
हैरत की बात यह है कि एक माह गुजरने के बाद भी मात्र नौ मरीज इलाज के लिए भर्ती किए गए हैं, उधर शासन से इस योजना के तहत अधिक से अधिक गरीबों को लाभान्वित करने का दबाव है, जिसे लेकर विभागीय अधिकारी पशोपेश में हैं। खास बात यह है कि जिला अस्पताल में दवा, इलाज एवं अन्य सभी सुविधाएं एक रुपये की पर्ची पर मुहैया हैं तो मरीज भी चालाकी दिखा रहे हैं। वह अपने गोल्डेन कार्ड से आयुष्मान भारत योजना की धनराशि को खर्च करने से बच रहे हैं। ऐसे में विभाग की मुश्किलें बढ़नी तय है। अब तक भर्ती हुए मात्र नौ मरीज कई अस्पतालों में नहीं खुला खाता आयुष्मान भारत योजना के तहत जनपद में इलाज के लिए अलग-अलग बीमारियों के अलग अलग अस्पतालों का चयन किया गया है। जिसमें जिला चिकित्सालय, महिला चिकित्सालय के अलावा सरकारी अस्पताल में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को शामिल किया गया है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में रुद्रपुर, सलेमपुर, गौरीबाजार, देसही देवरिया व पथरदेवा का नाम शामिल है। इसके अलावा प्राइवेट चिकित्सालयों में सावित्री नर्सिंग होम, आबिदा आंख का अस्पताल न्यू कालोनी देवरिया, बाबा राघव दास अस्पताल राघवनगर, आशुतोष अस्पताल रुद्रपुर, आरके अस्पताल रुद्रपुर, सेवाश्रम अस्पताल रुद्रपुर का चयन किया गया है, जिसमें जिला चिकित्सालय, सावित्री नर्सिंग होम व आशुतोष अस्पताल रुद्रपुर में योजना के तहत मरीज भर्ती किए गए हैं।
इसके अलावा कई अस्पतालों में मरीजों के भर्ती व इलाज का खाता भी नहीं खुल पाया है। जिनका नाम सूची में, वही हैं हकदार देवरिया के एसीएमओ डा.एसएन सिंह का कहना है कि जनपद में आयुष्मान भारत योजना के तहत 1.38 लाख उन परिवारों को लाभान्वित करना है, जो वर्ष 2011 की सामाजिक, आर्थिक व जातीय जनगणना के आधार पर सेक डाटा के तहत गरीबी रेखा की श्रेणी में हैं। जिनका नाम सूची में हैं वही इस योजना के हकदार हैं। यह योजना वास्तव में गरीबों के लिए वरदान है। सेक डाटा में काफी अनियमितता है, जिससे कार्य करने में काफी परेशानी हो रही है। फिर भी जिला अस्पताल से लेकर चारों तरफ से हम लोग प्रयास कर रहें हैं कि पात्रों को योजना का सर्वाधिक लाभ मिले। हर रोज 100 से अधिक बीपीएल कार्ड धारकों को चेक कराया जा रहा है, जिसमें दो से तीन पात्र निकल रहे हैं। अभी तक नौ मरीजों का योजना के तहत इलाज किया गया है।
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