ट्रेनों की एसी बोगियों में यात्रियों को मिलेगा यूज एंड थ्रो बेडरोल Gorakhpur News
रेलवे आने वाले दिनों में यात्रियों को यूज एंड थ्रो बेडरोल देने पर विचार कर रहा है। इस कारण इसमें अब कोच अटेंडेंट भी नहीं चलेंगे।
गोरखपुर, जेएनएन। एक्सप्रेस ट्रेनों की एसी बोगियों में अब यात्रियों को यूज एंड थ्रो बेडरोल मिलेगा। इसमें अब कोच अटेंडेंट भी नहीं चलेंगे। रेलवे प्रशासन उनका करार खत्म करने की तैयारी में है। साथ ही आने वाले दिनों में यात्रियों को यूज एंड थ्रो (उपयोग करो और फेंको) बेडरोल (कंबल, चादर, तकिया) देने पर विचार कर रहा है। एक्सप्रेस ट्रेनों की एसी बोगियों में कोच अटेंडेंट इन्हीं सब कामों के लिए रखे गए थे। फिलहाल कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रेलवे प्रशासन ने स्पेशल ट्रेनों से बेडरोल हटा दिया है। ऐसे में कोच अटेंडेंट का कार्य भी ठप है। जानकारों का कहना है कि कोच अटेंडेंट की सुविधा देने वाली फर्मों से रेलवे का अनुबंध आगे नहीं बढ़ेगा। यात्रियों को बेडरोल नहीं देने से रेलवे का खर्च कम हुआ है। बेडरोल की धुलाई करने वाली मैकेनाइज्ड लाउंड्री भी बंद है। हालांकि, रेलवे यात्रियों से पूरा किराया वसूल रहा है।
गंतव्य तक जाते हैं कोच अटेंडेंट
कोच अटेंडेंट ट्रेन के साथ गंतव्य तक जाते हैं। फिर उसी ट्रेन से वापस होते हैं। रास्ते में प्रत्येक यात्रियों तक बेडरोल पहुंचाना और उन्हें स्टेशनों की जानकारी देना उनकी जिम्मेदारी होती है। बेडरोल की पूरी जिम्मेदारी कोच अटेंडेंट के पास ही होती है।
यात्री के साथ बदतमीजी करने वाले परिचालक की संविदा समाप्त
रेलवे बस डिपो परिसर में नवागत क्षेत्रीय प्रबंधक (आरएम) पीके तिवारी के सामने ही नशे में धुत एक संविदा परिचालक ने यात्री से गाली-गलौच के साथ मारपीट कर ली। एआरएम केके तिवारी ने अनुशासनहीनता के आरोप में परिचालक विजय कुमार तिवारी की संविदा समाप्त कर दी है। साथ ही चेतावनी दी है कि यात्रियों से अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बताते हैं कि रात में आरएम संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ निरीक्षण कर रहे थे। देवरिया जाने के लिए परेशान यात्री ने परिसर में खड़े संविदा परिचालक से बस के बारे में पूछ लिया। इसी बात पर संविदा परिचालक भड़क गया और यात्री से उलझ गया। मामला कहासुनी से बढ़कर मारपीट तक पहुंच गई। मौके पर मौजूद अधिकारियों व कर्मचारियों ने दोनों को छुड़ाया। सूचना मिलने पर पुलिस भी पहुंच गई। इस घटना को लेकर आरएम ने नाराजगी जताई। दूसरे दिन कर्मचारी संगठन के कुछ लोग संविदा परिचालक के पक्ष में पैरवी करने के लिए एआरएम दफ्तर पहुंच गए। लेकिन एआरएम ने उनकी नहीं सुनी और कार्रवाई सुनिश्चित कर दी।