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संतकबीर नगर में जलस्तर घटने के बाद भी ग्रामीणों में दहशत, जानिए क्या है मामला

धनघटा से होकर बहने वाली सरयू नदी का जलस्तर इस बीच घट रहा है। नदी अब खतरे के निशान से 55 सेमी नीचे बह रही है। जलस्तर कम होते ही नदी कटान शुरू कर दी है। इसको लेकर स्थानीय लोगों में दहशत है।

By Rahul SrivastavaEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 11:15 AM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 11:15 AM (IST)
धनघटा के तुर्कवलिया में कटान स्थल पर हो रहे कार्य का जायजा लेते सहायक अभियंता सतीश चंद। जागरण

गोरखपुर, जागरण संवाददाता : संतकबीर नगर जिले की धनघटा तहसील क्षेत्र से होकर बहने वाली सरयू नदी का जलस्तर इस बीच घट रहा है। नदी अब खतरे के निशान से 55 सेमी नीचे बह रही है। जलस्तर कम होते ही नदी कटान शुरू कर दी है, जिस रफ्तार से नदी कटान कर रही है, उसे देखकर स्थानीय लोगों में दहशत है। हालांकि विभाग कटान को रोकने की हर व्यवस्था में लगा है, लेकिन नदी में पानी ज्यादा होने के कारण विभाग के उपाय फेल नजर आ रहे हैं।

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पिछले दिनों तुर्कवलिया में कटान कर रही थी सरयू

तुर्कवलिया में पिछले दिनों सरयू कटान कर रही थी, लेकिन जलस्तर बढ़ जाने से कटान थम गई थी। शाम से नदी का जलस्तर घटकर 78.800 मीटर पर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से 55 सेमी नीचे है। तुर्कवलिया में खतरे का निशान 79.350 मीटर दर्ज है। जलस्तर घटने के कारण तुर्कवलिया बंधे से दक्षिण सरयू फिर कटान कर रही है। अब नदी और बंधे के बीच की दूरी मात्र 40 से 45 मीटर बची है। हालांकि विभाग बंबू कैरेट और मिट्टी की बोरी भरकर कटान रोकने की जुगत लगा रहा है। क्षेत्र के राजेंद्र, रमेश, नागेंद्र, जगजीवन, उपेंद्र, प्रमोद, बालेंद्र, सुरेंद्र आदि लोगों का कहना है कि नदी का पानी ज्यो ही तेज गति से घटना शुरू हुआ, कटान और तेज हो जाएगी।

15 से 20 गांवों पर आ सकता है खतरा

विभाग को ग्रामीण पहले ही बता दिए थे कि बाढ़ आने से पूर्व ही उपाय नहीं हुआ तो क्षेत्र के 15 से 20 गांवों पर खतरा आ सकता है। समय रहते जिम्मेदारों ने कुछ नहीं किया। अब जब नदी कटान कर रही है तो उसे रोकने का उपाय हो रहा है। इस संबंध में सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता सतीश चंद ने बताया कि विभाग के लोग 24 घंटे बंधे पर कैंप कर कर रहे हैं। बंबू कैरेट बनाकर कटान रोकने का प्रयास हो रहा है। बालू और मिट्टी की बोरियां भरी जा रही हैं। अगर कटान बढ़ती है तो बंबू कैरेट व बालू भरी बोरी डालकर कटान को रोकने की व्यवस्था की जाएगी।


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