गर्मी में भी पानी से लबालब रहता है पांडेय का तालाब, जानिए क्या है ऐसा खास Gorakhpur News
खेसरहा विकास खंड के ग्राम पंचायत टिकुर में छह एकड़ में फैला पांडेय का तालाब सूखे में भी पानी से लबालब भरा रहता है। गांव के दीपक उर्फ उप्पी पांडेय को आठ वर्ष पूर्व पड़े सूखे के बाद बारिश की बूंदों के संचयन का ख्याल आया।
गोरखपुर, जेएनएन : सिद्धार्थनगर जिले में खेसरहा विकास खंड के ग्राम पंचायत टिकुर में छह एकड़ में फैला पांडेय का तालाब सूखे में भी पानी से लबालब भरा रहता है। यह तालाब किसानों के लिए किसी वरदान से कम भी नहीं है। गांव के दीपक उर्फ उप्पी पांडेय को आठ वर्ष पूर्व पड़े सूखे के बाद बारिश की बूंदों के संचयन का ख्याल आया। जुनून ऐसा सवार हुआ कि अपने छह एकड़ कृषि योग्य भूमि को खुदवाना शुरू कर दिया। तीन माह तक चले कार्य के बाद विशाल तालाब तैयार हुआ। आज बारिश की हर बूंद इसमें संचित हो रही।
कम होने पर मोटर से भरवाया जाता है तालाब में पानी
तालाब में यदि पानी कम होता है तो इसके तीन कोनों पर लगे बड़े-बड़े मोटर से उसे भर दिया जाता है। यही कारण है गर्मी में अधिकांश ताल पोखरे जब सूख जाते हैं, तब भी इसमें पानी भरा रहता है। गांव की 60 एकड़ भूमि को सिंचित करने के साथ-साथ यह तालाब आसपास के चार गांवों के किसानों को भी उनकी जरूरत पर पानी मुहैया कराता है। पानी देने में उप्पी पांडेय की शर्त उन जरूरतमंदों से बस इतनी होती कि मोटर चलाकर खर्च हुए पानी को वह फिर से भर दें। क्षेत्र के लोग इस युवा समाजसेवी के कार्य की सराहना कर रहे हैं। इनसे प्रेरित होकर भोला पांडेय, गुड्डू पांडेय, गौतम पांडेय आदि लोग भी अब अपने जमीनों में पोखरे का निर्माण कराने का मन बना चुके हैं। गौतम ने तो पोखरे के खुदाई का कार्य भी शुरू कर दिया है।
जल बिन जीवन कहां
उप्पी पांडेय कहते हैं कि जल के बिना जीवन संभव नहीं है, इसलिए जल को बचाने की मुहिम में लोगों को अपनी जन सहभागिता भी सुनिश्चित करनी होगी। जल की बर्बादी पर रोक लगानी होगी, हर बूंद को सहेजना होगा। घटते जलस्तर को बढ़ाने के प्रति सभी को प्रयासरत होना होगा।