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पंचायत चुनाव से तय होगी सभी दलों की विधान सभा की स्थिति Gorakhpur News

सभी दलों का दावा है कि विधानसभा चुनाव को लेकर जमीनी स्तर पर उनकी तैयारी काफी अच्‍छी है। दलों के दावे कितने ठोस हैं यह पंचायत चुनाव के परिणाम से तय हो जाएगा। सभी राजनीतिक दलों ने घोषित प्रत्याशियों को जिताने के लिए अपनी ताकत झोंक दी थी।

By Satish Chand ShuklaEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 04:55 PM (IST)Updated: Mon, 19 Apr 2021 09:02 AM (IST)
पंचायत चुनाव से तय होगी सभी दलों की विधान सभा की स्थिति Gorakhpur News
पंचायत चुनाव के संबंध में प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो, जेएनएन।

गोरखपुर, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण का मतदान समाप्त हो चुका है। दो मई को इसका परिणाम भी आ जाएगा। यह परिणाम ग्राम पंचायत से लेकर जिला पंचायत तक का गठन की दिशा तय करने के साथ ही राजनीतिक दलों की जमीनी तैयारी की हकीकत भी बताएगा। प्रदेश में सभी पार्टियां विधानसभा चुनाव के मोड में आ चुकी हैं। भाजपा जहां जन-जन तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार करने में जुटी है, वहीं सपा, बसपा व कांग्रेस के कार्यकर्ता लोगों को सरकार की कमियां बताने में लगे हैं। सभी दलों का दावा है कि विधानसभा चुनाव को लेकर जमीनी स्तर पर उनकी तैयारी काफी अच्‍छी है। दलों के दावे कितने ठोस हैं यह पंचायत चुनाव के परिणाम से तय हो जाएगा। सभी राजनीतिक दलों ने घोषित प्रत्याशियों को जिताने के लिए अपनी ताकत झोंक दी थी।

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भाजपा की तरफ से यह है तर्क

इस चुनाव में भी जिला पंचायत सदस्य पद के अधिकतर दावेदारों ने भाजपा की सूची में नाम पाने के लिए पूरा जोर लगाया था। पार्टी ने समय से 68 में से 67 वार्डों में अपने प्रत्याशी घोषित भी कर दिए थे। जिन्हें पार्टी का समर्थन मिला था, उनके समर्थन में स्थानीय पदाधिकारियों ने खुलकर वोट भी मांगा। मतदान के बाद पार्टी पदाधिकारी काफी संतुष्ट नजर आ रहे हैं। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष डा. धर्मेंद्र सिंह कहते हैं कि पार्टी के सभी लोगों ने जमकर मेहनत की है। सरकार की योजनाओं का लाभ सभी को मिल रहा है। लोगों में भाजपा प्रत्याशियों को लेकर खूब उत्साह दिखा। उनका दावा है कि पार्टी के सभी प्रत्याशी जीत दर्ज करेंगे।

सपा को भी जीत का भरोसा

पिछली बार जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर समाजवादी पार्टी का कब्जा था। इस बार जिला पंचायत अध्यक्ष रहीं गीतांजली या उनके पति मनुरोजन यादव ने सदस्य के चुनाव में हिस्सा भले न लिया हो लेकिन पार्टी अपनी सीट को बरकरार रखने की जुगत में है। सपा ने जिला पंचायत सदस्य के लिए 60 सीटों पर उम्मीदवार घोषित किए और आठ सीटों पर फ्री फाइट (पार्टी में आस्था रखने वाले एक से अधिक प्रत्याशी) रही। जिलाध्यक्ष रामनगीना साहनी कहते हैं कि जनता का उन्हें भरपूर समर्थन मिला है। सपा कम से कम 40 से 45 सीटों पर चुनाव जीतेगी और इस बार फिर जिला पंचायत अध्यक्ष पार्टी का ही होगा। पार्टी ने ब्लाक प्रमुख पदों पर भी दावा करने का मन बनाया है।

बसपा ने सत्‍ता के दुरुपयोग का लगाया आरोप

बसपा ने सभी 68 सीटों पर प्रत्याशी उतारा था। जिलाध्यक्ष घनश्याम राही चुनाव में सत्ता के दुरुपयोग का आरोप लगाने से नहीं चूकते। उनका कहना है कि इसके बावजूद पार्टी के पक्ष में खूब वोट पड़े हैं। 20 से 25 सीट आराम से बसपा के खाते में जाने का दावा जिलाध्यक्ष का है। आगे की रणनीति का खुलासा परिणाम आने के बाद करेंगे। कांग्रेस पार्टी ने भी 60 सीटों पर चुनाव लड़ा और पूरी ताकत लगा दी। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने ताबड़तोड़ सभाएं भी की। जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान का कहना है कि उनकी पार्टी जमीनी स्तर पर काम कर रही है, इसलिए जनता का खूब समर्थन मिला है। उनका कहना है कि उनके अधिकतर प्रत्याशी इस चुनाव में जीत दर्ज करेंगे। जीत के दावों के बीच कहीं न कहीं सभी दलों का इशारा जमीनी स्तर पर पार्टी की ओर से किए गए कार्यों की ओर भी था। पर, जनता के बीच जाकर उन्हें पार्टी की नीतियों में जोड़ पाने के दावे में स'चाई कितनी है, यह दो मई के बाद ही साफ होगा।


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