पंचायत भवन जर्जर, हादसे का सताता है भय
कुशीनगर में पंचायत भवनों का बुरा हाल है कहीं निर्माणाधीन भवन को अधूरा छोड़ कर ठीकेदार चला गया है तो कहीं पुराने भवन इतने जर्जर हो गए हैं कि उनमें बैठक आदि हो पाना संभव नहीं दिख रहा है ऐसे में गांव की बैठकों के लिए कोई स्थान ग्रामीणों को नहीं मिल रहा है।
कुशीनगर: विकास खंड मोतीचक के मुहम्मदा जमीन सिकटिया गांव के मुहम्मदा टोला में लगभग तीन दशक पहले बनाया गया पंचायत भवन जर्जर हो गया है। वह कभी भी ध्वस्त हो सकता है। ग्रामीणों को हर समय दुर्घटना का डर सताता है। मजबूरी में ग्राम पंचायत की खुली बैठक बगल में स्थित पाकड़ के पेड़ के नीचे होती है।
गांव के हैप्पी प्रसाद, सूर्यवंश सिंह, मदन सिंह, आरके सिंह, छोटेलाल कुशवाहा आदि का कहना है कि पंचायत भवन की दीवार में दरार पड़ गई है। छत से टूटकर ईंट का टुकड़ा गिरता है। पंचायत भवन की हालत देख ग्रामीण उसमें बैठने से डरते हैं। शौचालय ध्वस्त हो गया है, खिड़की का फाटक गायब हो गया है। जबकि विधानसभा, संसदीय एवं ग्राम पंचायत चुनाव में यहां मतदान बूथ बनाया जाता है। ग्राम प्रधान विजय कुशवाहा का कहना है कि खंड विकास अधिकारी कार्यालय को लिखित रूप से जर्जर भवन के बारे में जानकारी दे दी गई है। जर्जर भवन की जगह नया निर्माण कराने के लिए अधिकारियों से मांग की गई है।
पूरा नहीं हुआ पंचायत भवन का निर्माण
सरपतही बुजुर्ग गांव में पंचायत भवन का निर्माण पूरा न होने से ग्रामीणों में नाराजगी है। लोगों का कहना है कि धन निकाल लिए जाने के बाद भी तत्कालीन ग्राम प्रधान व सचिव ने पंचायत भवन को अधूरा छोड़ दिया है।
पडरौना ब्लाक के सरपतही बुजुर्ग गांव में बैठक व अन्य कार्यों के निस्तारण में दिक्कत होती है। तत्कालीन ग्राम प्रधान नत्थू कुशवाहा के प्रस्ताव पर वित्तीय वर्ष 2020-21 में पंचायत भवन निर्माण के लिए 22 लाख 53 हजार रुपये स्वीकृत हुए। तत्कालीन प्रधान और सचिव ने 17 लाख रुपये की निकासी कर पंचायत भवन का निर्माण शुरू कराया। भवन में अबतक पानी की टंकी, फाटक, विद्युतीकरण, शौचालय में सीट का इंतजाम नहीं हुआ है। देखरेख के अभाव में यह भवन बेसहारा पशुओं का अड्डा बन गया है। तत्कालीन सचिव जियाउल व प्रधान नत्थू ने बताया कि जितना धन निकाला गया था, उतने का निर्माण कार्य करा दिया गया है। ग्राम प्रधान प्रमोद सिंह का कहना है कि शीघ्र निर्माण कार्य पूरा कराया जाएगा।