क्रय केंद्र पर आने वाले हर छोटे किसान का खरीदा जाएगा धान
धान केंद्र पर आने वाले हर लघु एवं सीमांत किसानों से धान की खरीद अनिवार्य रूप से की जाएगी। सप्ताह में तीन दिन उनके लिए आरक्षित होंगे जबकि शेष तीन दिनों में कोई भी किसान अपनी उपज बेच सकेगा।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। एक नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीद में छोटे किसानों का विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसको लेकर अभी से तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। केंद्र पर आने वाले हर लघु एवं सीमांत किसानों से धान की खरीद अनिवार्य रूप से की जाएगी। सप्ताह में तीन दिन उनके लिए आरक्षित होंगे जबकि शेष तीन दिनों में कोई भी किसान अपनी उपज बेच सकेगा। जिन तीन दिनों में छोटे किसानों से खरीद की जाएगी, उस दौरान कांटे को इस तरह से फिक्स किया जाएगा कि एक किसान से निर्धारित मात्रा से अधिक खरीद न होने पाए। इससे केवल छोटे किसानों से ही धान की खरीद हो पाएगी।
मंडलायुक्त ने अधिकारियों के साथ की बैठक
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद मंडलायुक्त रवि कुमार एनजी ने संभागीय खाद्य नियंत्रक (आरएफसी) प्रेम रंजन सिंह के साथ बैठक करते हुए सभी तैयारियां पूरी करने को कहा है। आरएफसी ने बताया कि छोटे किसानों से खरीद हर हाल में की जाएगी। इसके लिए व्यवस्था बनाई जा रही है। आरएफसी कार्यालय में चार कंप्यूटर आपरेटर तैनात किए जाएंगे। उन्हें स्मार्ट फोन दिया जाएगा और उनके मोबाइल नंबर मंडल के सभी क्रय केंद्रों पर चस्पा होंगे। केंद्र पर आने वाले किसान से यदि धान खरीदने में आनाकानी की जाती है तो वे उसकी शिकायत उन नंबरों पर कर सकते हैं। सुबह 10 से शाम छह बजे तक ये कर्मचारी कार्यालय में बैठेंगे।
प्रतिदिन 10 से 15 केंद्रों का निरीक्षण करेंगे आरएफसी
कार्यालय से बाहर रहने पर भी फोन उठाएंगे। सभी कार्मिक के पास एक-एक रजिस्टर होगा, जिसपर सभी शिकायतों का विवरण दर्ज किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट प्रतिदिन आरएफसी को दी जाएगी। जहां से शिकायत आएगी, वहां का निरीक्षण किया जाएगा। आरएफसी प्रतिदिन करीब 10 से 15 केंद्रों का निरीक्षण करेंगे। उनके अतिरिक्त आरएमओ एवं जिलों के डिप्टी आरएमओ भी जांच करेंगे। किसी भी छोटे किसान से धान खरीदने में आनाकानी हुई तो संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह काल सेंटर 15 अक्टूबर के बाद शुरू हो सकते हैं।
किसानों की समस्या सुनने की होगी व्यवस्था
किसानों की समस्या सुनने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए आरएफसी कार्यालय में कर्मचारियों को तैनात किया जाएगा। यहां किसान अपनी समस्या लेकर आ सकते हैं और आरएफसी एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मिल सकते हैं। रोज सुबह 10 से शाम छह बजे तक समस्या सुनी जाएगी। मंडल स्तर पर मंडलायुक्त की निगरानी में एक वाट््सएप ग्रुप भी बनाया जाएगा। इसमें मंडलायुक्त, आरएफसी, आरएमओ, सभी जिलों के डिप्टी आरएमओ आदि शामिल रहेंगे। इसके जरिए किसानों की समस्या सुनी जाएगी।
दो दिनों में करना होगा केंद्रों का निर्धारण
मंडलायुक्त ने गुरुवार को सभी जिलों के जिलाधिकारियों से बात कर सभी एजेंसियों से प्रस्ताव मंगाकर दो दिनों के भीतर क्रय केंद्रों का निर्धारण करने को कहा है।
धान खरीद के दौरान केंद्र तक आने वाले हर छोटे किसान का धान खरीदा जाएगा। मंडलायुक्त के निर्देश पर इसकी तैयारी कर ली गई है। किसानों की शिकायत सुनने के लिए आरएफसी कार्यालय में काल सेंटर स्थापित किया जाएगा, जहां 24 घंटे शिकायत की जा सकती है। - प्रेम रंजन सिंह, संभागीय खाद्य नियंत्रक।
कोटेदारों का बकाया भुगतान कराने को हर जिले में होगी बैठक
मंडल के कोटेदारों का वर्ष 2001 से बकाया लाभांश एवं परिवहन के मद में बकाया भुगतान कराने के लिए हर जिले में बैठक की जाएगी। आरएफसी ने बताया कि 10 दिन के भीतर चारो जिलों में बैठक होगी। पहली बैठक शुक्रवार को महराजगंज में होगी, जिसमें आरएफसी, आरएमओ, जिला खाद्य विपणन अधिकारी, जिला पूर्ति अधिकारी, सभी विपणन निरीक्षक एवं पूर्ति निरीक्षक मौजूद रहेंगे। दोनों विभागों के अधिकारियों की मौजूदगी में भुगतान की समीक्षा की जाएगी और समस्या का निराकरण कराते हुए भुगतान किया जाएगा। अभी तक करीब 37 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है और इतना ही शेष है।