इस जिले में मंगलवार से मिलने लगेगी दो सौ बेडों पर आक्सीजन की सुविधा Gorakhpur News
संतकबीर नगर जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमितों को भर्ती के लिए दो सौ बेड का लेवल-टू अस्पताल बनाया गया है। इसका संचालन महिला विंग में किया जा रहा है। अभी तक यहां आइसीयू के 13 बेड के साथ ही कुल 150 बेड पर आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है।
गोरखपुर, जेएनएन : संतकबीर नगर जिला अस्पताल में कोरोना संक्रमितों को भर्ती के लिए दो सौ बेड का लेवल-टू अस्पताल बनाया गया है। इसका संचालन महिला विंग में किया जा रहा है। अभी तक यहां आइसीयू के 13 बेड के साथ ही कुल 150 बेड पर आक्सीजन की सुविधा उपलब्ध है। हालांकि शनिवार तक मात्र 23 मरीज ही वार्ड में भर्ती हैं। अस्पताल के विस्तारीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि मंगलवार से यहां सभी दो सौ बेड पर आक्सीजन की सुविधा के साथ ही आइसीयू के 40 बेड मरीजों के लिए तैयार मिलेंगे।24 घंटे वार्ड के विस्तारीकरण का कार्य चल रहा
अपर मुख्य चिकित्साधिकारी व प्रभारी मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मोहन झा ने बताया कि लोगों को डरने की आवश्यकता नहीं है। पहले आओ पहले पाओ के आधार पर आइसीयू का बेड उपलब्ध करवाया जाता है। 24 घंटे वार्ड के विस्तारीकरण का कार्य चल रहा है। अभी तक 13 आइसीयू के बेड हैं जिसे 40 किया जा रहा है।
यह है अस्पताल में आक्सीजन की मांग व उपलब्धता
प्रभारी सीएमओ ने बताया कि अभी तक कोरोना वार्ड में आक्सीजन के स्टोरेज की क्षमता 0.48 मीट्रिक टन है, इसके लिए 35 सिलेंडर मौजूद हैं। आवश्यकता 3.15 मीट्रिक टन की है, जिसकी पूर्ति अस्पताल में मौजूद 52 कंसंट्रेटर के माध्यम से की जा रही है। कम संख्या में मरीज भर्ती होने से फिलहाल अभी आक्सीजन की कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि सौ बेड पर आक्सीजन की आपूर्ति कंसंट्रेटर के माध्यम से की जा सकती है। कंसंट्रेटर से वायुमंडल के आक्सीजन को संग्रहीत किया जाता है। जब सभी बेड पर आक्सीजन की आपूर्ति चालू हो जाएगी तो 2.67 मीट्रिक टन आक्सीजन की और आवश्यकता होगी। इसके लिए इंतजाम किया जा रहा है। फिलहाल अभी तक मगहर में स्थित मयूर गैस सर्विस से आक्सीजन की आपूर्ति हो रही है।
चिकित्सकों की संख्या भी बढ़ाई गई
प्रभारी सीएमओ ने बताया कि कोरोना वार्ड में अब तक कुल 13 चिकित्सकों की तैनाती थी। रविवार को इसे बढ़ाकर 16 व सोमवार से ड्यूटी पर 19 चिकित्सक रहेंगे। यह संख्या आइसीयू के बेड की संख्या बढ़ने को लेकर पहले से ही की गई है। दवाओं की उपलब्धता पूरी है, मांग का आंकलन करके इसे मंगाने का भी प्रबंध है। किसी को भी डरने की आवश्यकता नहीं है।