गोरखपुर के कचहरी क्लब में बनाया गया आक्सीजन सिलेंडर बैंक Gorakhpur News
आक्सीजन के खाली सिलेंडर की किल्लत को देखते हुए प्रशासन की ओर से 1500 आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई है। पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से टाउनहाल स्थित कचहरी क्लब में बनाए गए सिलेंडर बैंक में इसे रखवाया गया है।
गोरखपुर, जेएनएन। जिले में आक्सीजन की आपूर्ति को बेहतर बनाए रखने के लिए प्रशासन की ओर से लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। आक्सीजन के खाली सिलेंडर की किल्लत को देखते हुए प्रशासन की ओर से 1500 आक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई है। पंचायती राज विभाग के कर्मचारियों के सहयोग से टाउनहाल स्थित कचहरी क्लब में बनाए गए सिलेंडर बैंक में इसे रखवाया गया है।
यहां से मंगाए गए आक्सीजन सिलेंडर
आक्सीजन की आपूर्ति के दौरान यह बात सामने आयी कि आक्सीजन सिलेंडर की कमी है। इसके कारण उत्पादन भी प्रभावित हो रहा था। इसके बाद जिला प्रशासन ने पूर्वोत्तर रेलवे से बात कर 500 आक्सीजन सिलेंडर वहां से मंगाए। हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) की ओर से भी 100 आक्सीजन सिलेंडर दिए गए हैं। इसके अलावा गीडा में बंद पड़ी एक आक्सीजन यूनिट के सिलेंडर भी प्रशासन ने अपने कब्जे में लिए थे। सभी सिलेंडर की मरम्मत एवं सफाई कराकर उसे रिफिङ्क्षलग के लिए तैयार किया जाएगा। शनिवार को कई गाडिय़ों से सिलेंडर कचहरी क्लब में उतरवाए गए हैं।
गीडा में पहुंचा लिक्विड आक्सीजन
जिला प्रशासन ने एक टैंकर लिक्विड आक्सीजन मंगाकर गीडा की दो फर्मों को दिया है। इससे उनके पास लिक्विड आक्सीजन का बैकअप रहेगा। आरके आक्सीजन के अजय जायसवाल का कहना है कि प्रशासन की ओर से शनिवार को लिक्विड आक्सीजन उपलब्ध कराया गया है। उनके प्लांट का टैंकर भी रास्ते में है और दो दिन में गोरखपुर पहुंच जाएगा। सिलेंडर में भरने के लिए पर्याप्त आक्सीजन है।
24 घंटे चलाए जा रहे प्लांट
गीडा के आक्सीजन प्लांट को 24 घंटे चलाया जा रहा है। प्रशासन की निगरानी में वहां से वितरण का काम भी चल रहा है। कई अस्पतालों से मांग आने के कारण प्रशासनिक अधिकारियों ने पूरी रात माथाप'ची कर आक्सीजन का सिलेंडर मुहैया कराया। अधिकारियों ने कुछ अस्पतालों का निरीक्षण भी किया। बड़हलगंज में कोविड मरीजों के इलाज के लिए अधिकृत अस्पताल के लिए पुलिस ने ग्रीन कारीडोर बनाकर आक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति करवायी। इस अस्पताल के प्रबंधन ने नोटिस चस्पा कर मरीजों के स्वजन को आगाह किया था कि उनके यहां आक्सीजन की कमी के कारण इलाज कर पाना मुश्किल हो रहा है। कुछ ही देर में यह नोटिस वायरल हो गई।