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कोविड टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई

उत्तर - प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर सीएचसी एवं पीएचसी के सभी संविदा कर्मी पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर हैं। इसका सीधा असर राष्ट्रीय कार्यक्रमों पर पड़ रहा है। कोरोनारोधी टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Dec 2021 06:56 PM (IST)Updated: Sat, 04 Dec 2021 06:56 PM (IST)
कोविड टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई
कोविड टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं चरमराई

सिद्धार्थनगर : उत्तर - प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संविदा कर्मचारी संघ के आह्वान पर सीएचसी एवं पीएचसी के सभी संविदा कर्मी पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर हैं। इसका सीधा असर राष्ट्रीय कार्यक्रमों पर पड़ रहा है। कोरोनारोधी टीकाकरण सहित अन्य स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं।

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वर्तमान समय में स्वास्थ्य विभाग की ओर से 44 टीमों के जरिये क्षेत्र में टीकाकरण व सर्वे अभियान चल रहा था। इसके अलावा आयुष्मान भारत योजना अंतर्गत गोल्डन कार्ड भी बनाए जा रहे हैं। अन्य तमाम स्वास्थ्य विभाग से जुड़े राष्ट्रीय कार्यक्रम चल रहे हैं। मगर संविदा कर्मियों की हड़ताल से सारी सेवाएं लड़खड़ा गई हैं। टीकाकरण की स्थिति यह है कि शनिवार को विभागीय अधिकारियों ने सीएचसी व पीएचसी के स्टाफ को इसमें लगा दिया है। फार्मासिस्ट, लैब टेक्निशियन, लैब असिस्टेंट, स्टाफ नर्स सभी की ड्यूटी टीकाकरण के लिए फील्ड में लगा दी गई। फिर भी पहले जहां 44 टीमें काम कर रही थीं, जिसमें दो-दो सदस्य थे। वहीं वैकल्पिक व्यवस्था के तहत आज 20 टीमें तो बनाई गई, मगर दो सदस्यीय टीम के बजाए प्रत्येक टीम में एक-एक कर्मचारी लगाए गए। कैसे ये टीका लगाएंगे और कैसे फीडिग कार्य पूर्ण करेंगे, इसका सहजता पूर्वक अंदाजा लगाया जा सकता है। यही नहीं टीमों के लिए अभी तक आशा बहुएं व संगिनी सहयोग करती थीं, पर वह भी हड़ताल पर हैं। ऐसे में जो टीम गांवों में भेजी गई है, वह महज औपचारिकता पूर्ण ही कर सकेंगी।

अस्पताल स्टाफ को टीकाकरण में लगाने के कारण आज सीएचसी इटवा की स्थिति यह रही कि पैथालाजी, प्रयोगशाला कक्ष, फार्मेसी सभी जगहों पर ताला लटका मिला। इमरजेंसी में भी सिर्फ चीफ फार्मासिस्ट ही इकलौते कर्मी के रूप में तैनात रहे। स्थिति ये रही कि खून, बलगम, कोरोना की जांच कराने जो भी लोग अस्पताल आए उन्हें मायूस होकर वापस लौटना पड़ा। लैब के पास अगया निवासी निर्मल दास मिला, जिन्हें बलगम की जांच करानी थी। दो घंटे से वहीं बैठे रहे और फिर वापस लौट गए। महादेव के कुन्न बलगम की जांच रिपोर्ट लेने आए थे, परंतु नहीं मिली। कस्बे के आमिर, अतुल, प्रेम कोरोना संक्रमण की जांच कराने के लिए आए थे, लेकिन जांच लैब बंद मिला।

सीएचसी इटवा के अधीक्षक डा. बीके वैद्य का कहना है कि संविदा कर्मियों की हड़ताल के कारण दिक्कत है। आज अस्पताल स्टाफ को टीकाकरण के लिए गांवों में भेजा गया, जिसके कारण जांच सुविधा प्रभावित हुई। एक-एक कर्मचारियों की 20 टीमें टीकाकरण के लिए भेजी गई हैं। फीडिग का कार्य यहीं अस्पताल से अतिरिक्त व्यवस्था के सहारे कराया जा रहा है। जो नियमित स्टाफ हैं, उन्हीं से कार्य लिया जा रहा है।


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