Move to Jagran APP

रेलवे में निजीकरण का विरोध, नरमू ने निकाली प्रभात फेरी

वक्‍ताओं ने कहा कि रेलवे के सभी कर्मचारियों की एकजुटता से निजीकरण का विरोध हो रहा है। सरकार भी समझ रही है कि रेलवे का यूनियन मामूली नहीं है। यदि निजीकरण हुआ तो रेल कर्मचारी आर-पार का आंदोलन करने को बाध्‍य होंगे।

By Satish ShuklaEdited By: Published: Mon, 12 Oct 2020 05:03 PM (IST)Updated: Mon, 12 Oct 2020 05:03 PM (IST)
रेलवे में निजीकरण का विरोध, नरमू ने निकाली प्रभात फेरी
रेलवे कर्मचारियों के संबंध में रेलवे का प्रतीकात्‍मक फाइल फोटो।

गोरखपुर, जेएनएन। एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्ता के नेतृत्व में पदाधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रभात फेरी निकाली। प्रभात फेरी विभिन्न कालोनियों से होते हुए बौलिया पार्क में आकर समाप्त हुई। इस अवसर पर केएल गुप्ता ने कहा कि लोकनायक जयप्रकाश मजदूरों की आवाज थे। उन्हीं से प्रभावित होकर मैंने अपना जीवन ट्रेड यूनियन को समर्पित कर दिया था। जेपी नायक एआइएफआर के अध्यक्ष थे। उस दौरान कई बार उनका साथ मिला। वह कमजोरों और मजदूरों के लिए देव तुल्य थे।

prime article banner

वक्‍ताओं ने कहा कि रेलवे के सभी कर्मचारियों की एकजुटता से निजीकरण का विरोध हो रहा है। सरकार भी समझ रही है कि रेलवे का यूनियन मामूली नहीं है। वक्‍ताओं ने कहा कि सरकार को यह समझ लेना चाहिए कि यदि निजीकरण हुआ तो रेल कर्मचारी आर-पार का आंदोलन करने को बाध्‍य होंगे। प्रभात फेरी में प्रदीप कुमार धर दुबे, हरिश्चंद्र यादव, दिलीप दुबे, संजय कुमार पाण्डेय, मुकेश, रत्नेश, अभिमान, अक्षैवर, नितेश और हरिकिशोर मौजूद रहे।

कोच मरम्मत के काम में आड़े आया आक्सीजन सिलेंडर

रेलवे के यांत्रिक कारखाना में आक्सीजन सिलेंडर की पर्याप्त सप्लाई नहीं मिलने से कोच के मरम्मत कार्य में मुश्किलें बढ़ गई हैं। कंडम कोच को मेंटेंन कर आटोमोबाइल वैगन तैयार करने का काम भी प्रभावित हुआ है। कारखाना में रोजाना 100 सिलेंडर की आवश्यकता है जबकि दो दिन में इतना सिलेंडर मिल रहा है।

ट्रेनों के कोच की मरम्मत करने में आक्सीजन सिलेंडर से ही वेङ्क्षल्डग की जाती है। यांत्रिक कारखाना में इन दिनों पुराने कोच का मरम्मत कर आटोमोबाइल वैगन तैयार किया जा रहा है। जिसकी वजह से आक्सीजन सिलेंडर की मांग काफी बढ़ गई है, लेकिन उत्पादन इकाइयां यांत्रिक कारखाना की जगह अस्पतालों में आक्सीजन की सप्लाई को प्राथमिकता दे रही हैं। जिसकी मानिटङ्क्षरग शासन स्तर पर हो रही है।

जल्‍द में पर्याप्‍त मात्रा में उपलब्‍ध कराने की कोशिश

मोदी केमिकल्‍स के निदेशक प्रवीन मोदी का कहना है कि वर्ष 2004 से इंडियन एसर गैसेज मुगलसराय और रीवा गैसेज रेनूकूट के माध्यम से आक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई रेलवे में की जा रही है। मेडिकल आक्सीजन की वजह से अभी कम सप्लाई दी जा रही है, लेकिन जल्द ही पर्याप्त मात्रा में सप्लाई होने लगेगी। एनई रेलवे गोरखपुर के डिप्टी चीफ मैटेरियल मैनेजर (सामान्य) केसी सिंह का कहना है कि यांत्रिक कारखाना में रोजाना करीब 100 सिलेंडर की जरूरत है। इधर कुछ सप्लाई कम मिल रही है, लेकिन सप्लाई वाली फर्म जल्द ही पर्याप्त सिलेंडर देने का आश्वासन दिया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.