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AIIMS Gorakhpur में ओपीडी शुरू, जांच के बाद मरीजों को मिलेगा प्रवेश Gorakhpur News

गोरखपुर एम्स में ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई है।जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखेंगे या तापमान बढ़ा मिलेगा उन्हें आयुष भवन में भेजा जाएगा।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Fri, 11 Sep 2020 09:01 AM (IST)Updated: Fri, 11 Sep 2020 07:11 PM (IST)
AIIMS Gorakhpur में ओपीडी शुरू, जांच के बाद मरीजों को मिलेगा प्रवेश Gorakhpur News
AIIMS Gorakhpur में ओपीडी शुरू, जांच के बाद मरीजों को मिलेगा प्रवेश Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। गोरखपुर एम्स में ओपीडी सेवा शुरू कर दी गई है। उप मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डाॅ. गौरव गुप्ता ने बताया कि इलाज के लिए आने वाले मरीजों को सबसे पहले फ्लू हेल्प डेस्क पर जाकर थर्मल स्क्रैनर से शरीर के तापमान की जांच करानी होगी। इसके बाद मरीज को फार्म-1 भर कर संक्रमित जोन, रेड जोन, ऑरेंज जोन अथवा ग्रीन जोन में से कहां से आ रहे हैं, उसके बारे मे जानकारी देनी होगी। उनसे कुछ सवाल भी किए जाएंगे। संतोषजनक जवाब देने पर ही उन्हें डॉक्टर के पास भेजा जाएगा। 

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आयुष भवन में फ्लू टेस्ट की व्यवस्था

फ्लू टेस्ट की व्यवस्था आयुष भवन में की गई। जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण दिखेंगे या तापमान बढ़ा मिलेगा, उन्हें आयुष भवन में भेजा जाएगा। जांच के बाद यदि जरूरी होगा तो ओपीडी में उन्हें बुलाया जाएगा। सभी को शारीरिक दूरी सहित कोविड 19 नियमों का पालन कराया जा रहा है।

रेलवे अस्पताल को मेडिकल कालेज में बदलने की मांग

नगर विधायक डा. राधा मोहन दास अग्रवाल ने गुरुवार को रेलमंत्री पीयूष गोयल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये वार्ता की। इस दौरान नगर विधायक ने ललित नारायण मिश्र केंद्रीय रेलवे अस्पताल गोरखपुर की दुर्दशा को प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि रेलवे अस्पताल रेफरल अस्पताल बन गया है। समस्याओं और परेशानियों को गिनाते हुए उन्होनें रेलवे अस्पताल को मेडिकल कालेज बनाने की मांग की। साथ ही बताया कि यह अस्पताल मेडिकल कालेज के सभी मानक भी पूरे करता है।

नगर विधायक की मांग पर रेलमंत्री ने भारत सरकार के रेल मंत्री पीयूष गोयल जी ने नगर विधायक डा राधा मोहन दास अग्रवाल की ललित नारायण मिश्र रेलवे चिकित्सालय को मेडिकल कॉलेज में बदलने की मांग की बहुत गम्भीरता से लेते हुए, उन्हें आश्वस्त किया कि रेल मंत्रालय इस संदर्भ में केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से निश्चित रूप से बात करेगा, क्योंकि मेडिकल कॉलेज चलाने का काम तो स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से ही सम्भव होगा, लेकिन प्रथम चरण में पोस्ट - ग्रेजुएट ( स्नातकोत्तर) की शिक्षा तो शूरु ही की जा सकती है।

नगर बिधायक रेल-मंत्री से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से बात कर रहे थे।


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