अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर में धूल फांक रही एक करोड़ की परियोजना
अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर में उप्र पर्यटन द्वारा लगभग एक करोड़ की लागत से निर्मित कुशीनारा फास्ट फूड सेंटर व हाईटेक प्रसाधन रख-रखाव के अभाव में बदहाल हो गया है। परिसर झाड़-झंखाड़ से पटा है। इसका निर्माण उप्र पर्यटन ने सुलभ इंटरनेशनल कार्यदायी संस्था से वर्ष 2009-10 में कराया था।
गोरखपुर, जागरण संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक केंद्र कुशीनगर में उप्र पर्यटन द्वारा लगभग एक करोड़ की लागत से निर्मित कुशीनारा फास्ट फूड सेंटर व हाईटेक प्रसाधन रख-रखाव के अभाव में बदहाल हो गया है। परिसर झाड़-झंखाड़ से पटा है। इसका निर्माण उप्र पर्यटन ने सुलभ इंटरनेशनल कार्यदायी संस्था से वर्ष 2009-10 में कराया था। 2016-17 में इसे उप्र राज्य पर्यटन निगम को हस्तांतरित कर दिया गया। संचालन की जिम्मेदारी पथिक निवास कुशीनगर को दी गई।
कुछ दिन चलने के बाद बंद हो गया था केंद्र
इसका विधिवत उद्घाटन भी हुआ, लेकिन कुछ माह चलने के बाद ही यह केंद्र बंद हुआ, जो अब तक चालू नहीं हो सका है। संचालन के कुछ दिन बाद ही निगम ने निर्माण में खामियों के चलते विभाग को सेंटर संचालन योग्य न बताकर अपना हाथ खींच लिया था। अंतरराष्ट्रीय पर्यटक स्थली में पर्यटकों को फास्ट फूड उपलब्ध कराने के लिए सेंटर का निर्माण हुआ था। यह योजना विभागीय उपेक्षा के चलते सफल नहीं हो सकी है।
शीघ्र होना चाहिए जीर्णोद्धार
व्यवसायी कृष्ण मोहन गुप्ता ने कहा कि कुशीनगर इंटरनेशनल एयरपोर्ट से अंतरराष्ट्रीय उड़ान प्रारंभ होते ही यहां पर्यटन गतिविधियां तेजी से बढ़ेंगी। ऐसे में फास्ट फूड सेंटर प्रारंभ होने से पर्यटकों व पर्यटन विभाग दोनों को लाभ मिलेगा। यदि शीघ्र ही इसका जीर्णोद्धार नहीं हुआ तो यह कभी भी ध्वस्त हो सकता है।
बंद हो चुकी हैं पर्यटन विकास के लिए शुरू हुई कई योजनाएं
बिरला धर्मशाला के प्रबंधक वीरेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा कि कुशीनगर में पर्यटन विकास के लिए जो भी परियोजनाएं प्रारंभ हुई थीं वह बंद नहीं होनी चाहिए। कुशीनारा फास्ट-फूड सेंटर को पुनः शुरू किया जाना चाहिए। इससे पर्यटकों के साथ-साथ उप्र पर्यटन को भी लाभ मिलेगा।
दो करोड़ की लागत से होगा जीर्णोद्धार
कुशीनगर के पर्यटक सूचना अधिकारी राजेश कुमार भारती ने बताया कि प्रो-पूअर टूरिज्म डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत वर्ल्ड बैंक के आर्थिक सहयोग से कुशीनारा फास्ट-फूड सेंटर का दो करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार किया जाएगा। कार्यदायी संस्था गोरखपुर विकास प्राधिकारण द्वारा चुनाव बाद कार्य प्रारंभ किया जाएगा।