एक क्लिक पर दिख जाएगा कहां खड़ा है मालगाड़ी का वैगन, रेलवे ने की यह व्यवस्था Gorakhpur News
रेलवे ने ऐसी व्यवस्था की है कि अब मालगाड़ियों के डिब्बों को आसानी से खोजा जा सकेगा।
गोरखपुर, जेएनएन। मालगाड़ियों के वैगन अब गुम नहीं होंगे। वे भारतीय रेलवे के किसी भी स्टेशन यार्ड या कारखाने में खड़े रहेंगे तो दिख जाएंगे। सही लोकेशन जानने के लिए रेलवे बोर्ड ने सभी वैगन को ऑनलाइन करने की योजना तैयार की है। पूर्वोत्तर रेलवे सहित सभी जोनल रेलवे में वैगनों में रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटीफिकेशन (आरएफआइडी) टैग व स्टेशनों पर संबंधित उपकरण लगाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
रेलवे बोर्ड ने दिसंबर 2022 तक सभी वैगन में आरएफआइडी टैग लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। हालांकि, कोरोना संकट में टैग लगाने का कार्य धीमा पड़ गया है। इसके बावजूद अभी तक 23 हजार वैगन में टैग लगाए जा चुके हैं। टैग कारखानों में ही लगाए जाएंगे, लेकिन टैग को पढ़ने के लिए स्टेशन यार्ड में कंप्यूटराइज्ड उपकरण लगेंगे। कंप्यूटराइज्ड उपकरण दो मीटर की दूरी से ही टैग को पढ़कर आरएफआइडी पर ऑनलाइन सूचना उपलब्ध करा देगा। इस नई व्यवस्था से मालगाड़ियों के सभी वैगनों की पहचान हो जाएगी। साथ ही उनका लोकेशन भी मिलता रहेगा। दरअसल, मालगाड़ियों की बोगियां कारखानों या यार्ड में महीनों खड़ी रह जाती है। जरूरत पड़ने पर रेलवे प्रशासन को भी उनका सही लोकेशन नहीं मिल पाता। ऐसे में रेलवे सहित व्यापारियों को भी दिक्कतें होती हैं। दो वर्ष पूर्व बस्ती के एक व्यापारी का एक वैगन खाद एक वर्ष बाद मिला। मरम्मत के लिए खड़ा वैगन कारखाना के यार्ड में ही छूट गया था। लगातार प्रयास के बाद वैगन मिला तो रेलवे और व्यापारी ने राहत की सांस ली। इस तरह की घटनाएं अक्सर होती रहती है। ऐसे में नई व्यवस्था लागू हो जाने के बाद यात्री ट्रेनों के कोचों की तरह मालगाड़ियों के वैगनों की भी ऑनलाइन गिनती हो जाएगी। दिल्ली में बैठे अधिकारी भी वैगनों का सही लोकेशन ले सकेंगे। मालगाड़ियों का संचालन और सुगम हो जाएगा।
इस नई व्यवस्था के लागू हो जाने से किसी भी वैगन की लोकेशन को किसी भी समय पता किया जा सकेगा। साथ ही वैगन की यथास्थिति के बारे में तत्काल जानकारी उपलब्ध की जा सकेगी। - पंकज कुमार सिंह, सीपीआरओ, एनई रेलवे